Story of Supertech Twins Tower: सर्वेंट क्वार्टर, पार्किंग और ग्रीनरी एरिया में फ्लैट बनाने पर शुरु हुआ था विवाद

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Published : Aug 31, 2021, 2:06 PM IST

Updated : Aug 31, 2021, 2:30 PM IST

Story of Supertech Twins Tower in noida

सुपरटेक के तीसरे सबसे बड़े प्रोजेक्ट एमरोल्ड टॉवर को सुप्रीम कोर्ट ने गिराने का आदेश दिया है. इन टॉवरों के खिलाफ आवाज वाहनों की पार्किंग और सर्वेंट क्वार्टर को लेकर उठी थी. बिल्डर ने सर्वेंट क्वार्टर बनाने की बात कहकर सभी फ्लैट खरीदारों से पैसे भी जमा करवा लिए थे लेकिन सर्वेंट क्वार्टर की जगह, पार्किंग और ग्रीनरी एरिया को कम करके फ्लैट बनाने लगे. लोगों ने इस पर सवाल उठाया तो बिल्डर ने कोई सटीक जवाब नहीं दिया. जिसके बाद मजबूरन 2012 में कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिस पर अब कोर्ट ने आदेश जारी किया है.

नई दिल्ली/नोएडा: एनसीआर के लैंडमार्क में शुमार होने वाला सुपरटेक का ट्विन टॉवर अब जमीदोंज हो जाएगा. मंगलवार को देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के एमरॉल्ड कोर्ट नाम से बने दोनों ट्विन टॉवर को गिराने का आदेश दे दिया है. नोएडा के सेक्टर 93-ए स्थित तीसरे सबसे बड़े एमरॉल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के दोनों टावरों में करीब 915 फ्लैट हैं.

सुप्रीम कोर्ट का यह अंतिम आदेश है. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2014 यानि 7 साल पहले इस ट्विन टॉवर को अवैध बताते हुए तोड़ने का आदेश दिया था. लेकिन बिल्डर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए थे. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना सुप्रीम फैसला देते हुए मंगलवार को अपने आदेश में कहा कि ये टॉवर नोएडा अथॉरिटी और सुपटेक की मिलीभगत से बने थे.

सुप्रीम कोर्ट से सुपरटेक को झटका, गिराए जाएंगे 40 मंजिला 2 टॉवर्स

कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि सुपरटेक अपने ही पैसों से इनको तीन महीने के अंदर-अंदर तोड़े. इसके साथ ही दो महीने के भीतर सभी निवेशकों का पैसा 12 फीसदी प्रतिवर्ष की ब्याज सहित लौटाने के निर्देश दिये हैं. कोर्ट का यह फैसला फ्लैट खरीददारों के लिए बड़ी राहत देने वाली है.

नोएडा में सबसे ऊंचे रिहायशी और मिश्रित उपयोग के टावर बनाने का कारनामा भी सुपरटेक के नाम है. सुपरटेक के मालिक आरके अरोड़ा ने करीब 25 साल पहले सुपरटेक की नींव रखी थी. उस समय सुपरटेक के आधिकतर प्रोजेक्ट मध्य वर्ग को ध्यान में रखकर बनाए जाते थे. धीरे-धीरे कंपनी ने अपना विस्तार किया. नोएडा, ग्रेटर नोएडा, इंदिरापुरम, वैशाली सहित एनसीआर में उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में पांव जमाया. जिन दो ट्विन टॉवर को अब गिराया जाएगा, ये दोनों टावर 40-40 फ्लोर के हैं. इनमें से एपेक्स टावर में 32 फ्लोर और सियाने टॉवर में 30 फ्लोर का निर्माण पूरा हो चुका है.

अवैध निर्माण से जुड़े इस मामले में टॉवर गिराने का फैसला कोर्ट ने इमरल्ड कोर्ट ओनर रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. सुपरटेक के एमरॉल्ड कोर्ट के निवासी कोर्ट जाने से पहले अपनी परेशानी को हर मंच पर उठाने की कोशिश कर चुके थे. हर जगह से निराशा हाथ लगने के बाद कोर्ट की शरण ली थी. आरडब्ल्यूए की तरफ से याचिकाकर्ता के अनुसार एपेक्स और सियाने टावर का निर्माण शुरू करते ही निवासियों ने विरोध शुरू कर दिया. सबसे पहले नोएडा प्राधिकरण से इस निर्माण को रोकने के लिए गुहार लगाई, मगर प्राधिकरण ने नहीं सुनी.

सुपरटेक के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट एमरॉल्ड कोर्ट के जिन दो टावरों को गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है, उसकी शुरुआत वाहनों की पार्किंग और सर्वेंट क्वार्टर को लेकर हुई थी. दरअसल, सुपरटेक ने 2005 में सेक्टर 93ए में एमराल्ड कोर्ट लॉन्च किया. 17 हजार वर्ग मीटर में प्रोजेक्ट बना है. इसकी लागत 750 करोड़ रुपये है. प्रोजेक्ट के 660 फ्लैटों की बुकिंग 2006 में की गई. 2008 के बाद पजेशन देना शुरू किया. ये सभी तीन से चार बीएचके फ्लैट हैं. उस समय इनकी कीमत 70 से 80 लाख रुपये थी.

बिल्डर ने सर्वेंट क्वार्टर बनाने की बात कहकर सभी फ्लैट खरीदारों से पैसे भी जमा करवा लिए, लेकिन सर्वेंट क्वार्टर नहीं बनाए. इसकी जगह पार्किंग और ग्रीनरी एरिया को कम करके फ्लैट बनाने लगे. लोगों ने इस पर सवाल उठाया तो बिल्डर ने कोई सटीक जवाब नहीं दिया. मजबूरन 2012 में कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिस पर अब कोर्ट ने आदेश जारी किया है.

बता दें कि सुपरटेक का नॉर्थ आई अब तक का सबसे ऊंचा हाउसिंग प्रोजेक्ट है. सेक्टर 74 में स्थित यह प्रोजेक्ट 66 मंजिल का है. दूसरा प्रोजेक्ट सेक्टर 94 में स्थित सुपरनोवा है. इसका एक टावर स्पायरा 89 मंजिल का है. यह नोएडा में अब तक का सबसे ऊंचा मिक्स लैंड यूज प्रोजेक्ट है. इसके बाद ट्विन टावर तीसरा बड़ा प्रोजेक्ट था.

Last Updated :Aug 31, 2021, 2:30 PM IST
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