नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट पीएम केयर्स फंड को 'राज्य' का फंड घोषित करने की मांग करने वाली याचिका पर आज सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी.
सम्यक गंगवाल की याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान सार्वजनिक और स्थायी फंड में अस्पष्टता पर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने याचिका में कहा था कि पीएम केयर्स फंड के दुरुपयोग का आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन भविष्य में करप्शन या दुरुपयोग के आरोपों से बचने के लिए यह स्पष्टता जरूरी है.
इसके साथ ही वकील दीवान ने कहा था कि पीएम केयर्स फंड एक संवैधानिक पदाधिकारी के नाम से चलता है जो संविधान में निहित सिद्धांतों से बच नहीं सकता है और न ही वह संविधान के बाहर कोई करार कर सकता है.
श्याम दीवान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा था कि आप कितने भी ऊंचे पद पर क्यों न बैठे हों आपसे कानून ऊपर है. सभी संवैधानिक पदाधिकारी संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेते हैं. इसलिए उनके लिए अस्पष्टता का दरवाजा बंद होना चाहिए.
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उन्होंने पीएम केयर्स फंड को 'राज्य' का रूप में घोषित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि समय-समय पर पीएम केयर्स फंड की ऑडिट रिपोर्ट का खुलासा होना चाहिए. पीएम केयर्स फंड को मिले धन और उसके उपयोग और दान के व्यय पर प्रस्तावों के फंड का खुलासा करना चाहिए.
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दीवान ने कहा था कि अगर कोर्ट को यह विश्वास नहीं हो कि पीएम केयर्स फंड संविधान की धारा 12 के तहत 'राज्य' का फंड है तो केंद्र को ये निर्देश देना चाहिए कि वो इस बात का व्यापक प्रचार-प्रसार करे कि यह फंड एक सरकारी स्वामित्व वाला फंड नहीं है.
इसके साथ ही पीएम केयर्स फंड को अपने नाम या वेबसाइट में पीएम शब्द का उपयोग करने से रोकना चाहिए. पीएम केयर्स फंड को अपनी वेबसाइट में डोमेन नाम gov का उपयोग करने से रोका जाए और फंड के आधिकारिक पते के रुप में पीएम कार्यालय का उपयोग करने से रोका जाना चाहिए.