2022 विंटर ओलंपिक की मेजबानी पर चीन का घेराव, तिब्बत मामले में IOC से दखल की अपील

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Published : Sep 15, 2020, 6:20 PM IST

Beijing 2022 Olympics

इस बार 2022 में होने वाले विंटर ओलंपिक को लेकर दुनियाभर में बड़ी तकरार देखने को मिली है. 2022 के विंटर ओलंपिक को इस बार चीन, बीजिंग होस्ट करेगा जिसको लेकर इस ओलंपिक को बोयकॉट करने और होस्टिंग राइट को तत्काल चीन से वापस लेने की बात पर ह्यूमन राइट्स ग्रुप अड़ गए हैं.

टोक्यो: तिब्बत में चीन के द्वारा बनाए गए बरबर हालात, दलाई लामा के निष्कासन के पीछे चीन का हाथ और जातीय अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले व्यवहार को लेकर वैश्विक स्तर पर प्रोटेस्ट का दौर जारी है. वहीं, 2008 बीजिंग ओलंपिक के बाद से भी चीन के हालातों में कोई सुधार न होने के चलते अब पूरे विश्व में जन आक्रोश बढ़ गया है. विश्व स्तर के कई ह्यूमन राइट ग्रुप्स का कहना है कि चीन में अभी तक जो हो रहा था वो हालात आगे भी पैदा होंगे.

ऐसे में इस बार 2022 में होने वाले विंटर ओलंपिक को लेकर दुनियाभर में बड़ी तकरार देखने को मिली है. 2022 के विंटर ओलंपिक को इस बार चीन, बीजिंग होस्ट करेगा जिसको लेकर इस ओलंपिक को बोयकॉट करने और होस्टिंग राइट को तत्काल चीन से वापस लेने की बात पर ह्यूमन राइट्स ग्रुप अड़ गए हैं.

ह्यूमन राइट्स के एक संघ ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के प्रेसिडेंट थॉमस बाक के सामने स्विट्जरलैंड में स्थित IOC हेड ऑफिस में एक पत्र लिखकर ये मांग रखी है कि चीन, बीजिंग को 2022 विंटर ओलंपिक की मेजबानी देकर IOC ने काफी बड़ी गलती की है और कहा कि अपनी इस गलती को सुधारते हुए IOC चीन से विंटर ओलंपिक होस्ट करने का राइट वापस ले ले.

पत्र में कहा गया है कि 2008 ओलंपिक जो चीन में आयोजित हुआ उससे वहां के ह्यूमन राइट के रिकॉर्ड में कोई सुधार नहीं हुआ है. इसके अलावा चीन ने तिब्बत में "ओर्वेलियन सर्वेलियंस नेटवर्क" (ओर्वेलियन- जो फ्री सेसाइटी के लिए हानिकारक हो) बना दिया है. चीन ने उइगर (टर्की के लोग जो ऐथनिक ग्रुप से ताल्लुक रखते हैं) को बंदी बनाया जिसमें ज्यादातर मुस्लिम जातीय समूह के लोग शामिल हैं.

अगर इवेंट होता है तो, बीजिंग इकलौता शहर बन जाएगा जो समर और विंटर ओलंपिक का आयोजन करेगा
अगर इवेंट होता है तो, बीजिंग इकलौता शहर बन जाएगा जो समर और विंटर ओलंपिक का आयोजन करेगा

पत्र में कहा गया है कि चीन ने हांगकांग, मंगोलिया और ताइवान में भी हालातों को खराब किया है. हालांकि आईओसी समाचार सम्मेलन में 2022 ओलंपिक की तैयारियों को लेकर पूछे गए सवाल पर थॉमस बाक ने ह्यूमन राइट ग्रुप द्वारा भेजे गए पत्र के बारे में कुछ भी नहीं कहा है.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाओ लिजियान ने आरोप लगाते हुए कहा है कि समूहों द्वारा खेलों की राजनीतिकरण करने की कोशिश की जा रही है, जोकि ओलंपिक चार्टर की भावना के खिलाफ है. चीन ने हालांकि मानवाधिकारों के हनन को बार-बार नकारा है. इसने पहले उन्होंने कहा था कि उइगरों के शिविर चीन में नहीं हैं वहीं बाद में कहा कि वो आतंकवाद से निपटने के लिए प्रशिक्षण केंद्र थे.

बीजिंग को 2015 में 2022 विंटर ओलंपिक के राइट्स मिल गए थे
बीजिंग को 2015 में 2022 विंटर ओलंपिक के राइट्स मिल गए थे

चीनी विदेश मंत्रालय के एक अन्य प्रवक्ता ह्आ चुनयिंग ने कहा, "वोकेशनल एजुकेशन (वो शिक्षा जो टेक्निकल स्किल से जुड़ी है) के माध्यम से, झिंजियांग (चीन का वो इलाका जिसमें एथनिक ग्रुप के लोग निवास करते हैं) में आतंकवाद विरोधी हालात और जन में निष्पक्षता का रूप देने की कोशिश की गई है. जिससे एथनिक ग्रुप के लोगों में जीवन का अधिकार, स्वास्थ और विकास को बढ़ावा दिया जा सके."

ह्आ चुनयिंग ने आगे कहा, "पिछले 4 सालों में कोई भी आंतकी हमला झिंजियांग में नहीं हुआ है." IOC ने तर्क दिया था कि 2008 ओलंपिक चीन को बदल देगा और उससे मानवाधिकारों के रिकॉर्ड में सुधार होगा. इसके उलट चीन में हुए 2008 ओलंपिक की तुलना अक्सर हिटलर की रिजीम में हुए 1936 के बर्लिन ओलंपिक से की जाती है, जब एक सत्तावादी सरकार ने ओलंपिक खेलों को एक मंच के रूप में इस्तेमाल किया था.

हालांकि, कोविड के चलते बिगड़े हालातों को देखते हुए टोक्यो ओलंपिक के 2021 तक के लिए स्थगित होने के कारण IOC को काफी बड़ा नुकसान हुआ है. इसमें 200 से ज्यादा नेशनल ओलंपिक कमेटी, एक दर्जन से ज्यादा ओलंपिक से जुड़े स्पोर्ट्स फेडरेशन्स में हड़कंप मच गया है.

हांग कांग में पब्लिक स्पेस में आर्म्ड फोर्स
हांग कांग में पब्लिक स्पेस में आर्म्ड फोर्स

बाक को हालांकि चीन को 2022 विंटर ओलंपिक की मेजबानी की घोषणा करने के दो महीने पहले से ही बहिष्कार की चेतावनी दी गई थी लेकिन उन्होंने कहा कि उनको विशेष रूप से बीजिंग के बारे में नहीं कहा गया था. IOC अपना रेवेन्यू 73% टेलीविजन राइट्स को बेचकर और 18% प्रायोजकों से कमाता है वहीं टोक्यो ओलंपिक में हुई देरी से इसकी आय में काफी गिरावट आई है.

ओस्लो और स्टॉकहोम जैसे यूरोपीय शहरों के नाम वापस लेने के बाद आईओसी को 2022 ओलंपिक के लिए केवल दो देशों ने होस्ट करने के लिए बोली लगाई थी जिसमें बीजिंग और अल्माटी, कजाकिस्तान का नाम शामिल है. इस दौरान बीजिंग ने चार वोटों से जीत हासिल की. बता दें कि विंटर ओलंपिक की कोई परंपरा चीन से नहीं जुड़ी है लेकिन सिर्फ एक विशाल मार्केट को देखते हुए चीन को ये जिम्मेदरी दी गई है.

फ्री हांग कांग का पोस्टर लिए एक बच्चा
फ्री हांग कांग का पोस्टर लिए एक बच्चा

एक मीडिया एजेंसी को एक मेल में IOC ने जवाब लिखकर भेजा, "किसी ओलंपिक खेलों की राष्ट्रीय समिति को ओलंपिक खेल का आयोजन करने की अनुमति देने का ये मतलब नहीं है कि IOC देश के राजनीतिक ढांचे, सामाजिक परिस्थितियों या मानवाधिकार मानकों से सहमत है."

आईओसी ने कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि सभी ओलंपिक चार्टर के सिद्धांतों का सम्मान किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि ये सभी वैश्विक राजनीतिक मुद्दों पर एक जैसे मत ही रहने चाहिए.

बता दें कि आईओसी ने 2024 ओलंपिक की मेजबानी पेरिस को देते हुए मानवाधिकारों को लेकर एक कॉंट्रैक्ट भी शामिल किया था . लेकिन बीजिंग को विंटर ओलंपिक की मेजबानी सौंपते वक्त व्यापार के लिए संयुक्त राष्ट्र के गाइडिंग प्रंसिपल्स और ह्यूमन राइट के दिशा निर्देशों को शामिल नहीं किया था. बता दें कि मानवाधिकार समूहों द्वारा दिए गए दिशा निर्देश का पूर्ण पालन करने वाला पेरिस ही पहला ओलंपिक वेन्यू है.

एशिया के पूर्व व्हाइट हाउस के सलाहकार विक्टर चा ने एक मीडिया एजेंसी को एक मेल में लिखा, "गैर-सरकारी संगठन, सेलिब्रिटीज और अन्य एक्टिविस्ट ग्रुप चीन पर जबरदस्त दबाव डालेंगे."

उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि IOC बीजिंग से 2022 ओलंपिक की मेजबानी वापस लेना नहीं चाहता है." एथलीटों ने यूएस और अन्य जगहों पर ब्लैक लाइव्स मैटर विरोध का समर्थन कर अपनी शक्ति दिखाई है. जर्मन फुटबॉल खिलाड़ी मेसुत ओजिल, एक तुर्की मूल के मुस्लिम खिलाड़ी, ने चीन के खिलाफ बयान दिए थे और ब्लैक लाइव्स मैटर को एक नए मुहीम से जोड़ते हुए कहा था "मुस्लिम लाइव्स मैटर". हालांकि इंडोनेशिया और म्यांमार ने इस मामले में चुप्पी साधी हुई है.

इस्तानबुल में प्रदर्शन करते लोग
इस्तानबुल में प्रदर्शन करते लोग

एक इंटरनेशनल स्टडीज के एक वरिष्ठ सहयोगी मरे हाइबर्ट ने कहा कि इंडोनेशिया और म्यांमार जैसे देश चीन के साथ अपने आर्थिक संबंधों को खतरे में नहीं डालना चाहते है.

उन्होंने कहा, "इंडोनेशिया म्यांमार में हालात काफी बदतर थे जब उन्होंने 2017 के अंत और 2018 की शुरुआत में बांग्लादेश में लगभग 750,000 मुस्लिम रोहिंग्या शरणार्थियों को अपने देश से निकाला था, लेकिन अधिकारियों ने चीन में उइगर की स्थिति के बारे में बहुत कम बोला है." आईओसी पर एक नियम को भी संशोधित करने का दबाव है जो ओलंपिक के पोडियम पर राजनीतिक विरोध को प्रतिबंधित करता है.

2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक के लिए आयोजन समिति की प्रमुख केसी वासरमैन ने कहा कि उन्होंने बाक को पत्र लिखकर कहा है कि नस्लवाद-विरोधी भाषण राजनीतिक भाषण नहीं है.

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