Pakistan crisis : हर दिन पाक को लग रहा झटका...क्या Failed State की श्रेणी में गिना जाएगा!

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Published : Jan 14, 2023, 2:24 PM IST

Pakistan crisis

पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद, राजनीतिक अराजकता और आर्थिक तंगी की मार झेल रहा है. इन दिनों उसकी आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गई है. पाक दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया है. ऐसे में देश के रुप में उसके अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है. अब सवाल ये उठता है कि क्या पाकिस्तान एक फेल्ड स्टेट की श्रेणी में आ जाएगा.

नई दिल्ली: भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. पाकिस्तान की स्थिति श्रीलंका जैसी हो रही है. वह लगभम दिवालिया होने की कगार पर है. आर्थिक तंगी और आतंकवाद से जूझ रहे पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल भी मची हुई है. इमरान खान और शहबाज शरीफ एक दूसरे पर फौजपरस्ती का आरोप लगा रहे हैं. दूसरी ओर हाल में आई बाढ़ ने प्रभावित इलाकों को लगभग दो दशक पीछे धकेल दिया है. इन चुनौतियों के पार फिलहाल पाकिस्तान में कोई उम्मीद की किरण नजर आती है तो बस विदेशों से मिलने वाली सहायता...

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति
पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली अब किसी से छिपी नहीं है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का विदेश मुद्रा भंडार जनवरी 2022 में 16.6 अरब डॉलर था. अब यह 5.576 अरब डॉलर रह गया है. विश्लेषकों के अनुसार, वर्तमान विदेशी मुद्रा भंडार के साथ पाकिस्तान केवल तीन सप्ताह तक ही आयात कर पाएगा. इसके अलावा पाकिस्तानी मुद्रा भी डॉलर के मुकाबले काफी कमजोर हो गई है. एक डॉलर की कीमत 227.8 पाकिस्तानी रुपये के बराबर हो गई है. बीते तीन महीनों में पाकिस्तानी रुपये की कीमत में डॉलर के मुकाबले 10 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है. खाद्य मुद्रास्फीति साल-दर-साल 35.5 प्रतिशत बढ़ी है. जबकि पाकिस्तान में दिसंबर में परिवहन की कीमतें 41.2 फीसदी बढ़ गई.

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स द्वारा जारी नई रैंकिंग के मुताबिक पाकिस्तान दुनिया का चौथा सबसे खराब पासपोर्ट है. 2022 में आई रैंकिंग में पाकिस्तान की स्थिति में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. पिछले साल भी यह दुनिया का चौथा सबसे खराब पासपोर्ट था. इस साल पाकिस्तान की रैंकिंग 106 है. नई रैंकिंग में पाकिस्तान से नीचे सीरिया, इराक और अफगानिस्तान हैं. पाकिस्तानी पासपोर्ट रखने वाले 32 देशों में वीजा फ्री या वीजा ऑन अराइवल के जरिए यात्रा कर सकते हैं.

मंडरा रहा भुखमरी का खतरा
World Economic Forum ने एक रिपोर्ट जारी की है. जिसके अनुसार पाकिस्तान भुखमरी के एक बड़े खतरे का सामना कर रहा है. रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि प्राकृतिक आपदाओं और बाधित आपूर्ति से यह खतरा और बढ़ सकता है. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान कि मौसम संबंधी प्राकृतिक आपदा और बाधित आपूर्ति का संयोजन लाखों लोगों के लिए भुखमरी के मौजूदा संकट को एक विनाशकारी परिदृश्य में ले जा सकता है. रुपए की गिरती कीमत और बढ़ती महंगाई भुखमरी के खतरे को और गहरा कर रही है.

राजनीतिक अराजकता
अप्रैल 2022 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान को संसद में अविश्वास मत का सामना करना पड़ा. विश्वासमत से पहले इमरान खान ने विपक्षी दलों पर अमेरिका और पाक सेना की शह पर काम करने का आरोप लगाया था. इसके बाद से ही इमरान खान लगातार चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर उनके पक्ष में लगातार कैपेनिंग हो रही है. हाल के दिनों में वहां इमरान खान के समर्थन में कई रैलियां भी हुई. दूसरी ओर शहबाज शरीफ पाकिस्तान में जनता को महंगाई से निजात दिलाने में नाकाम रहे हैं. उनपर जल्द से जल्द चुनाव कराने का दबाव भी बढ़ रहा है. इमरान खान की सरकार को गिराने के लिए शहबाज शरीफ की पार्टी पीएलएम -एन और बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी पीपीपी के बीच समझौता हुआ था. क्या यह समझौता अगले चुनाव तक भी टिका रहेगा? इस सवाल का जवाब तो भविष्य में ही पता चलेगा. पाकिस्तान की पूरी राजनीति सेना की मंशा पर निर्भर करती है. यह देखना रोचक होगा कि राजनीति के ये ऊंट किस करवट बैठते हैं.

आंतकवाद की छाया
पाकिस्तान में कई आतंकी संगठन सक्रिय हैं. बलूचिस्तान व खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) है. जिसने अपने हमलों को तेज कर दिया है. इन सब कामों में अफगानिस्तान का तालिबान शासन मदद कर रहा है. आतंकवाद अब पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती है. टीटीपी राजनीतिक दलों पर हमले से भी नहीं कतराता है. क्योंकि वह भी पाकिस्तान में इस्लामी शासन चाहता है.

क्या है फेल्ड स्टेट का मतलब
एक फेल्ड स्टेट एक ऐसी सरकार है जो एक संप्रभु राष्ट्र के बुनियादी कार्यों और जिम्मेदारियों को निभाने में असफल साबित हो रही है. जैसे कि सैन्य रक्षा, कानून प्रवर्तन, न्याय, शिक्षा या आर्थिक स्थिरता. फेल्ड स्टेट्स की सामान्य विशेषताओं में चल रही नागरिक हिंसा, भ्रष्टाचार, अपराध, गरीबी, निरक्षरता और चरमराती बुनियादी ढांचा शामिल है. भले ही कोई राज्य ठीक से काम कर रहा हो, अगर वह विश्वसनीयता और लोगों का विश्वास खो देता है तो वह विफल राज्य हो सकता है.

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