संयुक्त राष्ट्र: शहरी संघर्षों से पांच करोड़ से अधिक लोग प्रभावित

author img

By

Published : Jan 26, 2022, 12:05 PM IST

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में पिछले साल मई में एक हाई स्कूल के बाहर हुए विस्फोट में 90 छात्रों की मौत हो गई, जिसमें लड़कियां अधिक थीं और इसके अलावा 240 लोग घायल हो गए.

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान से लेकर लीबिया, सीरिया, यमन और इससे इतर अन्य शहरी इलाकों में संघर्ष से पांच करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जहां उनके मारे जाने या घायल होने का बहुत अधिक जोखिम है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि कुछ मामलों में भूलवश आम नागरिकों को लड़ाके समझकर उन पर हमला किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि लड़ाके कोशिश करते हैं कि भीड़-भाड़ वाले इलाकों में नुकसान कम नहीं हो और वे विस्फोटक हथियारों का उपयोग करते हैं, जो आम लोगों के लिए शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक पीड़ा के साथ जीवन भर अपंगता का कारण बनते हैं.

उन्होंने युद्ध के दौरान शहरी बस्तियों में आम नागरिकों की सुरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में बताया कि पिछले साल गाजा में इजराइल और हमास के आतंकवादियों के बीच लड़ाई के दौरान दर्जनों स्कूल और अस्पताल तबाह हो गए और लगभग 8,00,000 लोग पाइपलाइन से पेयजल आपूर्ति से वंचित रह गए थे.

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में पिछले साल मई में एक हाई स्कूल के बाहर हुए विस्फोट में 90 छात्रों की मौत हो गई, जिसमें लड़कियां अधिक थीं और इसके अलावा 240 लोग घायल हो गए. गुतारेस ने कहा कि नागरिकों को नुकसान का खतरा तब बढ़ जाता है जब लड़ाके उनके बीच आ जाते हैं और हथियारों और उपकरणों को असैन्य ढांचों के पास रख देते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में संघर्ष का 'आम नागरिकों पर इसके तत्काल प्रभाव से कहीं अधिक समय तक असर पड़ता है.'

गुतारेस ने कहा, इराक के मोसुल में 80 प्रतिशत मकानों के नष्ट होने के चार साल बाद 3,00,000 लोगों के अब भी विस्थापित रहने का अनुमान है. रेडक्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष पीटर मौरर ने परिषद को बताया कि 'लगातार बढ़ते सबूत शहरी क्षेत्रों में नागरिकों को युद्ध से हो रहे नुकसान का संकेत दे रहे हैं.' घाना के उपराष्ट्रपति महमदु बावुमिया ने कहा कि मगरिब में बोको हराम, अल-कायदा, सोमालिया में अल शबाब और इस्लामिक स्टेट सहित 'आतंकवादी और हिंसक चरमपंथी समूहों के उदय ने आम नागरिकों के जीवन के लिए वास्तविक खतरे का खुलासा किया है.'

पढ़ें: दुनिया इस समय शीत युद्ध की तुलना में अधिक अप्रत्याशित है: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख

सुरक्षा परिषद की वर्तमान में अध्यक्षता कर रहे नॉर्वे के जोनास गहर स्टोर ने बैठक की अध्यक्षता की और कहा कि नॉर्वे ने इसे मंगलवार की चर्चा का विषय चुना क्योंकि संघर्ष में नागरिकों की सुरक्षा एक दीर्घकालिक प्राथमिकता रही है.

पीटीआई-भाषा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.