नई दिल्ली: दिल्ली में चहुंओर हो रहे विकास के बीच आज भी एक ऐसा गांव भी है जहां लोग 35 सालों से मूलभूत सुविधाओं के बिना जीने को मजबूर हैं. यहां के नरेला विधानसभा का रजापुर कलां गांव (rajapur kala village delhi) के लोग, आज भी बदतर हालातों में जीने को मजबूर हैं. रेलवे लाईन के किनारे बसे इस गांव में काफी मशक्कत और कोशिशें करने के बाद यहां बिजली के पोल खंभे तो लग गए लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी इन खम्भों पे तार भी नहीं डाली गई है जिससे लोग बिना बिजली के गुजर बसर करने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं, यहां पानी और सड़कों आदि की भी कोई व्यवस्था नहीं है जिसमें यहां के लोग आज भी रहने को मजबूर हैं.
लोगों ने बताया कि शाम होते ही पूरे गांव में अंधेरा छा जाता है. वहीं शौचालय की भी सुविधा न होने के चलते महिलाएं आज भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं. वहीं पानी लाने के लिए लोगों को 2 किलोमीटर का लंबा सफर तय करना पड़ता है. लेकिन कठिनाई यहीं खत्म नहीं होती. कोरोनाकाल से जब ऑनलाइन क्लासेज संचालित की जाने लगी तो यहां के बच्चे बिजली न होने के कारण पढ़ाई से भी वंचित हो गए.
आम आदमी पार्टी दिल्ली के लोगों को मुफ्त बिजली-पानी देने की बात करती है और नरेला विधानसभा के विधायक भी इसी पार्टी से हैं. हालांकि इसके बावजूद इस गांव तक आज भी विकास की बयार नहीं पहुंच सकी है. लोगों का कहना है कि वे कई बार विधायक एवं आला अफसरों के दफ्तर के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन हर बार उन्हें केवल आश्वासन का झुनझुना ही पकड़ाया गया है. इस गांव ने अपने हाथों से अपनी पीठ थपथपाने वाली सरकार के सारे दावों की पोल खोल कर रख दी है. अब देखना यह है कि इस गांव में विकास की बयार को पहुंचने में और कितना समय लगता है.
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