LG ऑफिस की CBI जांच हो, सिसोदिया ने कहा- 48 घंटे पहले फैसला बदलकर कुछ लोगों को करोड़ों का फायदा पहुंचाया

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Published : Aug 6, 2022, 12:58 PM IST

Updated : Aug 6, 2022, 10:26 PM IST

मनीष सिसोदिया

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि नई आबकारी नीति (New Excise Policy) में दुकान बढ़ाने नहीं, बल्कि पूरी बराबरी पर दुकान बांटने का प्रस्ताव था. LG ने 2 बार पढ़कर नई नीति को मंजूरी दी थी. अचानक फैसला बदलकर कुछ दुकानदारों को करोड़ों रुपए का फायदा पहुंचाया. इसकी CBI जांच हो.

नई दिल्लीः दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शनिवार को LG (Lieutenant Governor) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि नई नीति में दुकान बढ़ाने नहीं, बल्कि पूरी दिल्ली में बराबरी पर दुकान बांटने का प्रस्ताव था. उपराज्यपाल की मंजूरी से ही नई नीति बनाई गई थी. सरकार ने उनके सुझाव माने थे. मई 2021 में लागू हुई नई आबकारी नीति (New Excise Policy) से पुराने दुकानदारों को लाभ होता.

उन्होंने कहा कि जब दुकानों को खोलने की फाइल LG के पास गई तो एकाएक स्टैंड बदल दिया गया. LG ने 2 बार पढ़कर नई नीति को मंजूरी दी थी. उन्होंने कहा कि नई आबकारी नीति को रोककर कुछ ताकतवर लोगों ने कैसे कुछ दुकानदारों को फायदा पहुंचाया है यह हमने CBI को भी बताया है.

Manish sisodia
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया

उपराज्यपाल ऑफिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की CBI जांच की सिफारिश की गई है. LG ऑफिस में फैसला बदलने के कारण कुछ दुकानदारों को करोड़ों रुपए का फायदा हुआ और सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है. किसके दबाव से फैसला बदला गया, इसकी CBI जांच हो.

सिसोदिया ने कहा कि मई 2021 में नई पॉलिसी में लिखा था कि दुकानें 849 ही रहेगी. पहले भी इतनी ही थीं. दुकानों का वितरण सही नहीं था. समान डिस्ट्रीब्यूशन का लक्ष्य था. उपराज्यपाल ने पॉलिसी को ध्यान से पढ़ा, कईं सजेशन दिए थे, उनको शामिल किया गया. जून में फिर से पॉलिसी भेजी, जिसे पास किया. दुकानों का बराबरी से वितरण पर मुख्य फोकस था. ताकि हर वार्ड में बराबर दुकानें रहे, लेकिन अब अचानक CBI जांच और पुरानी नीति को लागू करना बड़ी साजिश है.

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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया

उन्होंने कहा कि अनधिकृत इलाकों में भी दुकानें खुलनी थीं, लेकिन तब LG ने इसे मना नहीं किया, कोई आपत्ति नहीं किया, लेकिन जब दुकानें खुलने की फाइल नवम्बर के पहले हफ्ते में गई तब उन्होंने अपना रुख बदल दिया. 17 नवम्बर से दुकानें खुलनी थीं, लेकिन LG ने 15 नवम्बर को शर्त लगा दी कि अनाधिकृत इलाके में दुकानें खुलने के लिए DDA और MCD की मंजूरी चाहिए. जबकि इससे पहले वहां दुकानें खोलने की मंजूरी उपराज्यपाल देते थे.

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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया

उन्होंने कहा कि पुरानी पॉलिसी के तहत जहां अनधिकृत इलाके में दुकानें थी वहां भी दुकानें नहीं खुली उसके बाद कहीं विक्रेता कोर्ट गए और कोर्ट ने सरकार को उनका लाइसेंस फीस लौटाने का आदेश दिया. इससे सरकार को हजारों करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ, क्योंकि उपराज्यपाल ने बिना सरकार से बात किए अपना फैसला बदला.

Last Updated :Aug 6, 2022, 10:26 PM IST
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