नई दिल्ली: देशभर में कई कंपनियां अल्ट्रावायलेट चैम्बर बेच रही हैं. ये दावा किया जाता है इसमें रखी गई वस्तु से महज 10 मिनट के भीतर कोरोना समेत अन्य सभी वायरस मर जाते हैं, लेकिन अधिकांश लोग इसे ठीक से इस्तेमाल करना ही नहीं जानते. इसके बेहतर परिणाम के लिए साइंटिस्ट डॉ. सम्राट घोष ने स्टील का एक खास फ्रेम बनाया है. इस पर अगर सामान को रखकर यूवीसी में डाला जाएगा तो वह लगभग 100 फीसदी संक्रमण से मुक्त हो जाएगा.
लोग कर रहे हैं उपयोग
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च मोहाली के साइंटिस्ट डॉ. सम्राट घोष ने बताया कि सरकार की तरफ से यूवीसी को मान्यता दी जा चुकी है. कई कंपनियों ने इसे बेचना शुरू कर दिया है. लोग काफी संख्या में इसका इस्तेमाल भी करने लगे हैं. वो अपना मोबाइल, की-चेन, डेबिट कार्ड, पेन, मास्क एवं अन्य सामान को इसमें डालकर संक्रमण मुक्त करते हैं. लेकिन आमतौर पर लोग इसमें सीधे सामान को रख देते हैं.
ऐसे में चैम्बर के अंदर लाइट पड़ने से वस्तु का ऊपरी हिस्सा तो संक्रमण मुक्त हो जाता है, लेकिन नीचे की तरफ लाइट नहीं लगने के चलते वहां मौजूद वायरस जीवित ही रह जाते हैं. इसे बाहर निकालने के बाद अगर कोई व्यक्ति इस्तेमाल करता है तो उसके संक्रमित होने का खतरा बरकरार रहेगा. कुछ जागरूक लोग वस्तु को पलटकर उसे संक्रमण मुक्त करते हैं लेकिन इसमें दोगुना समय लगता है.
स्टील का ट्रायंगल शेप फ्रेम है बेहद कारगर
डॉ. सम्राट घोष ने बताया कि यूवीसी में किसी वस्तु को चारों तरफ से संक्रमण मुक्त करने के लिए उस वस्तु पर चारों तरफ से लाइट पड़ना जरूरी है. इसलिए उन्होंने ट्रायंगल शेप में स्टील का एक फ्रेम बनवाया जिसका खर्चा महज 200 रुपये है.
इस ट्रायंगल शेप फ्रेम पर जब आप कोई वस्तु लटकाकर यूवीसी में डालते हैं तो वह पूरी तरह से संक्रमण से मुक्त हो जाता है. इस पर आप अपनी घड़ी, रिमोट, मोबाइल, की-चेन, डेबिट कार्ड, अपने नोट (रुपये) को लटकाकर महज 10 मिनट के भीतर पूरी तरह से सुरक्षित बना सकते हैं.
इथेनॉल से भी बढ़ जाता है असर
डॉ. सम्राट घोष ने बताया कि यूवीसी चैम्बर को और भी असरदार बनाने के लिए इसमें एथेनॉल स्प्रे का इस्तेमाल किया जा सकता है. कोरोना वायरस मारने के लिए आजकल इस स्प्रे का काफी इस्तेमाल हो रहा है. चैम्बर में वस्तु को रखने से पहले अगर इसमें आप एथेनॉल का स्प्रे करते हैं तो इससे वायरस को मारने की क्षमता बढ़ जाती है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लिखे गए कुछ लेख भी इसकी पुष्टि करते हैं.