नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को एक महीने के भीतर अनुसूचित जाति/जनजाति से संबंधित रिकॉर्ड्स का डिजिटलीकरण करने का आदेश जारी किया है. डिजिटलाइजेशन होने पर आवेदन प्राप्ति के 14 दिनों के भीतर एससी/एसटी जाति प्रमाण पत्र जारी करना संभव होगा.
दिल्ली विधानसभा की अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के बाद विधायक विशेष रवि की अध्यक्षता में हुई बैठक में राजस्व विभाग के अधिकारियों को एक महीने के भीतर सभी राजस्व विभाग के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण करने को कहा गया. समिति के अध्यक्ष ने कहा कि डिजिटलीकरण होने तक कोई भी आवेदन ख़ारिज न किया जाए. डिजिटलाइजेशन होने के बाद आवेदन प्राप्ति के 14 दिनों के भीतर एससी/एसटी जाति प्रमाण पत्र जारी करने में सहूलियत होगी.
आम आदमी पार्टी के विधायक विशेष रवि को गत माह दिल्ली विधानसभा की अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके बाद समिति की यह पहली बैठक हुई. जिसमें राजस्व विभाग के शीर्ष स्तर के अधिकारी उपस्थित रहे. बैठक के दौरान रिकॉर्ड की अनुपलब्धता के कारण लोगों को होने वाली समस्याओं का मुद्दा भी उठा. समिति के अध्यक्ष विशेष रवि ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को एक महीने के भीतर पुराने रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण पूरा करने का आदेश दिया.
यह मुद्दा लंबे समय से लंबित है. इसके लागू होने से जनता को लाभ होगा. तब किसी भी जाति प्रमाण पत्र के आवेदन को एक कारण के रूप में "कोई रिकॉर्ड नहीं मिला" के साथ खारिज नहीं किया जा सकेगा. फ़ील्ड वेरिफ़िकेशन करके जाति प्रमाण पत्र प्रदान किया जाए. डिजिटलीकरण होने तक कोई आवेदन ख़ारिज नहीं किया जाएगा.
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इसके अलावा तेलंगाना की तर्ज पर दिल्ली में भी दलित वर्ग के सहयोग के लिए एससी/एसटी वेलफेयर फंड के लिए एक्ट बनाया जाएगा. दिल्ली की अनुसूचित जाति (एससी) की आबादी 23 लाख 43,255 है. यह संघ शासित प्रदेश की कुल जनसंख्या (1 करोड़ 38 लाख 50,507) का 16.9 प्रतिशत है. अनुसूचित जाति की आबादी की दशकीय वृद्धि 30.6 प्रतिशत रही है. जो कुल जनसंख्या (47 प्रतिशत) की वृद्धि से 16.4 प्रतिशत कम है.