नई दिल्ली: रोहिणी जेल में बैठकर 200 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले सुकेश का सहयोग करने वाले जेल अधिकारियों की मुश्किल बढ़ने वाली है. इस मामले में गिरफ्तार हुए दोनों जेल अधिकारियों पर भी मकोका (Maharashtra Control of Organized Crime Act) लगाने की तैयारी आर्थिक अपराध शाखा कर रही है. वह संगठित तौर पर इस ठगी में सुकेश का साथ दे रहे थे जिसकी वजह से उन पर भी मकोका लगाया जा रहा है. सुकेश सहित आधा दर्जन आरोपियों पर पहले ही मकोका लग चुका है.
जानकारी के अनुसार फोर्टिस के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की पत्नी अदिति सिंह ने 200 करोड़ रुपये की ठगी को लेकर शिकायत दी थी. इस बाबत स्पेशल सेल ने मामला दर्ज कर जेल में बंद सुकेश सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. सुकेश ने प्राथमिक पूछताछ में बताया था कि जेल अधिकारी उसे मोबाइल सहित अन्य सुविधाएं देते थे जिनकी मदद से वह ठगी करता है.
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इस खुलासे के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने जेल डिप्टी सुपरिटेंडेंट सुभाष बत्रा और असिस्टेंट जेल सुपरिटेंडेंट धर्म सिंह मीणा को गिरफ्तार किया था. वहीं एक अन्य जेल अधिकारी की भूमिका को लेकर जांच चल रही है.
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इस मामले में पुलिस ने सितंबर के पहले सप्ताह में सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ मकोका का मामला दर्ज किया है. इस मामले में उसकी कथित पत्नी लीना पॉल सहित पांच अन्य आरोपियों को भी मकोका में आरोपी बनाया जा चुका है. पुलिस का मानना है कि यह सभी लोग संगठित तौर पर ठगी की वारदात कर रहे थे. इस ठगी को बिना जेल अधिकारियों के अंजाम नहीं दिया जा सकता था.
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सुकेश ने यह खुलासा किया है कि वह जेल अधिकारियों को मदद के लिए मोटी रकम देता था. इस वजह से यह माना जा रहा है कि इस संगठित अपराध में वह सुकेश के साथी रहे हैं. उधर जेल प्रशासन इन अधिकारियों के निलंबन के लिए दिल्ली सरकार को पत्र लिखने जा रहा है.
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गौरतलब है कि फोर्टिस के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह और उनके भाई मालविंदर सिंह को अरबों रुपये के घोटाले को लेकर वर्ष 2019 में आर्थिक अपराध शाखा द्वारा गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में दोनों अभी तक तिहाड़ जेल में बंद हैं. रोहिणी जेल में बंद सुकेश ने शिवेंद्र सिंह को जेल से बाहर निकलवाने के नाम पर उनकी पत्नी अदिति सिंह से 200 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया है.
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अलग-अलग अधिकारी बनकर उसने जेल से ही अदिति सिंह को कॉल किया और विश्वास दिलाया कि ऊंचे पद पर बैठे लोग उनके पति को बाहर निकलवाना चाहते हैं. पार्टी फंड के नाम पर उसने यह रकम ठगी है. इसके लिए जेल प्रशासन के अधिकारी रुपये लेकर उसकी मदद कर रहे थे.