दिल्लीवासी कोविड प्रोटोकॉल भूले तो कोरोना की चाल में आई तेज़ी

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Published : Jun 29, 2022, 2:18 PM IST

Updated : Jun 29, 2022, 2:29 PM IST

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कोरोना की चाल में देश के अलग-अलग राज्यों में सुस्ती आई है, लेकिन इससे इतर दिल्ली में कोरोना के मामलों में बीते दो सप्ताह के दौरान जबरदस्त उछाल दर्ज किया जा रहा है. कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बनाए गए कंटेन्मेंट जोन की संख्या में तो 70 फीसद के पार वृद्धि दर्ज की गई है.

नई दिल्ली : कोरोना की चाल में देश के अलग-अलग राज्यों में सुस्ती आई है, लेकिन इससे इतर दिल्ली में कोरोना के मामलों में बीते दो सप्ताह के दौरान जबरदस्त उछाल दर्ज किया जा रहा है. कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बनाए गए कंटेन्मेंट जोन की संख्या में तो 70 फीसद के पार वृद्धि दर्ज की गई है. रोजाना दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी होने वाले मेडिकल बुलेटिन के आंकड़े फिर डराने लगे हैं.



2 से 14 जून के मध्य कोविड संक्रमितों का आंकड़ा 200 के नीचे पहुंच गया था, लेकिन 14 जून से लेकर अब तक हर दिन आंकड़ों में तेजी दर्ज की जा रही है. जो अब बढ़कर हज़ार के आसपास पहुंच चुका है. इसकी वजह स्वास्थ्य सेवाओं की महानिदेशक डॉ. नूतन मुंडेजा बताती हैं कि मामले परिवार या पड़ोस के समूहों से सामने आ रहे हैं. संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एक या दो घरों के साथ माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं.

दिल्लीवासी कोविड प्रोटोकॉल भूले लोग तो कोरोना की चाल में आई तेज़ी
दिल्लीवासी कोविड प्रोटोकॉल भूले लोग तो कोरोना की चाल में आई तेज़ी

आम तौर पर जहां तीन या अधिक कोरोना मामलों का पता चलता है. वहां कंटेनमेंट जोन बनाए जाते हैं. जिसे जिला अधिकारियों द्वारा आवश्यकता आधारित तरीके से संचालित किया जाता है. वे कहती हैं कि लोग कोविड प्रोटोकॉल की अनदेखी कर रहे हैं. दो गज की दूरी‚ मास्क पहनना‚ सैनिटाइजर का प्रयोग करना जरूरी है. टेस्टिंग‚ ट्रेसिंग‚ ट्रीटिंग (ट्रिपल टी) कोविड के सबसे अहम प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं. नतीजतन मामलों के साथ ही कंटेन्मेंट जोन में इजाफा दर्ज होना चिंतनीय हैं.

दिल्लीवासी कोविड प्रोटोकॉल भूले लोग तो कोरोना की चाल में आई तेज़ी
दिल्लीवासी कोविड प्रोटोकॉल भूले लोग तो कोरोना की चाल में आई तेज़ी




हावर्ड मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिक डॉ. राम एस उपाध्याय वर्तमान में स्वीडन के इंस्टीट्यूट ऑफ सेल एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, उप्साला यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा कि अभी कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट का नया वर्जन फेफड़ों तक पहुंच सकता है. यही सबसे चिंताजनक है. ओमिक्रोन वैरिएंट के नए वर्जन BA.4 और BA.5 तेजी से फैल रहे हैं. अभी जितनी भी वैक्सीन हैं, वे शुरुआती वैरिएंट अल्फा, डेल्टा वर्जन आदि के हिसाब से बनी हैं. हमारी बॉडी में भी जो नेचुरल इम्यूनिटी विकसित हुई थी. वह वुहान वाले वैरिएंट के हिसाब से थी, लेकिन मौजूदा वैरिएंट वुहान वाले वैरिएंट से बहुत अलग हैं. इन पर वैक्सीन और नेचुरल इम्यूनिटी का असर नहीं हो रहा है. इसलिए संक्रमण बढ़ने लगा है. जिन लोगों को पहले से गंभीर बीमारी है, उन्हें परेशानी हो सकती है. अब ओमिक्रोन तेजी से डेल्टा की जगह ले रहा है. मरीज भी तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन डरने की जरूरत नहीं है. क्योंकि जितने लोगों में यह फैलेगा, उतने ज्यादा लोगों को नेचुरल इम्यूनिटी मिलती जाएगी.



डॉ. राम एस. उपाध्याय ने बताया कि ओमिक्रोन जब तक फेफड़ों में पहुंचता है, तब तक इसकी स्पीड 10 गुना कम हो जाती है. इस वजह से मरीज़ को ऑक्सीजन की भी जरूरत नहीं पड़ती है. डॉक्टर उपाध्याय के मुताबिक ओमिक्रोन श्वासनली में रुककर अपनी तादाद को बढ़ाता है. इसीलिए श्वासनली में पहले से मौजूद एंटीबॉडी जल्दी एक्टिव होती है. आसान लफ्ज़ों में इसे समझें तो ओमिक्रोन के गंभीर खतरा बनने से पहले ही एंटीबॉडी उसे खत्म करना शुरू कर देती है. अब कोरोना से बचाव के लिए सरकारों को ऐसी वैक्सीन बनानी चाहिए कि वो सभी वैरिएंट के खिलाफ असर करें.


राजधानी में आंकड़ों में कोरोना
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 1 से 14 जून के बीच दिल्ली में कंटेन्मेंट जोन की संख्या 200 से नीचे दर्ज की जाती थी. लेकिन 15 जून से इसमें इजाफा शुरू हुआ. जो 27 जून तक बढ़कर 385 हो चुका है. दिल्ली में कोविड निषेध क्षेत्रों की संख्या में 70.2 फीसद की बढ़ोतरी हुई है. दिल्ली में इस माह अब तक कोरोना के कुल 23 हज़ार से अधिक मामले आ चुके हैं. 19 हजार से अधिक मरीज ठीक हुए भी हुए हैं. जबकि अब तक 45 से अधिक संक्रमितों की कोरोना से मौत हो चुकी है.

Last Updated :Jun 29, 2022, 2:29 PM IST
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