नई दिल्लीः गंदगी और जलभराव के कारण तिमारपुर विधानसभा के लोग काफी परेशान हैं. स्थानीय लोग क्षेत्र के अधिकारियों से लेकर नेताओं तक के दरवाजे के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं से भी समस्या का समाधान होता नजर नहीं आ रहा है. लोगों का कहना है कि जिस तरह से इलाके की जनता परेशान हैं, आगामी चुनाव में वैसे ही नेताओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
इसी बीच ईटीवी भारत की टीम ने वजीराबाद इलाके में स्थानीय लोगों से बात की. लोगों ने कहा कि पिछले कई सालों से इलाके में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जबकि निगम पार्षद व विधायक द्वारा इलाके में काम कराने के दावे किए जाते हैं, उसके बावजूद कोई काम होता नजर नहीं आ रहा है. लोगों को अपने घरों में जाने के लिए गंदगी के बीच से गुजरना पड़ता है.
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आरडब्लूए का आरोप है कि जीतने के बाद विधायक दिखाई नहीं दिए हैं और जो फंड काम के लिए रिलीज हुआ था, वह भी वापस करा दिया गया. निगम पार्षद और विधायक दोनों पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोई भी प्रतिनिधि इलाके में काम कराने को तैयार नहीं हैं. वहीं निगम पार्षद अमरलता सांगवान कहा कि इलाके में विधायक के द्वारा काम नहीं होने से जनता परेशान हैं. चुनाव जीतने के बाद से विधायक एक बार भी क्षेत्र का दौरा करने के लिए नहीं आए. लेकिन वह लगातार जनता के बीच रहती हैं.
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निगम पार्षद ने कहा कि दिल्ली सरकार ने निगम पार्षदों को मिलने वाले फंड भी बंद कर दिया है, जिसकी वजह से इलाके में साफ-सफाई की व्यवस्था चरमरा गई है. उनका कहना है कि जब दिल्ली सरकार ही नगर निगम को सहयोग नहीं कर रही है, तो निगम पार्षद भी इलाके की सफाई कराने में असमर्थ नजर आ रहे हैं. जिसका ठीकरा दोनों विभाग एक दूसरे के सिर फोड़ने में लगे हुए हैं.