नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने गुरुवार को केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी अमृत जल योजना के तहत दिल्ली जल बोर्ड की ओर से सोनिया विहार में बनाए गए 6 एमजीडी भूमिगत जलाशय का निरीक्षण किया. इस दौरान जल बोर्ड के अधिकारी और उत्तर पूर्वी जिले के अतिरिक्त जिलाधिकारी शुभांकर, करावल नगर के एसडीएम पुनीत पटेल, निगम पार्षद सुषमा मिश्रा भाजपा जिला अध्यक्ष मोहन गोयल, उपाध्यक्ष बृजेश सिंह, उपाध्यक्ष सचिन मावी, महामंत्री डॉ. यूके चौधरी, नेता आनंद त्रिवेदी और मंडल अध्यक्ष विक्रम सिंह मौजूद रहे.
भूमिगत जलाशय का निरीक्षण करने और अधिकारियों से ली गई जानकारी के बाद सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि सोनिया विहार का भूमिगत जलाशय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना जलअमृत के सहयोग से बनाया गया है. सोनिया विहार भूमिगत जलाशय से प्रधानमंत्री के उस संकल्प को साकार रूप मिलेगा, जिसके तहत हर घर को नल से जल देने का काम केंद्र सरकार की ओर से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि करावल नगर मुस्तफाबाद के साथ-साथ घोंडा और गोकलपुर विधानसभा क्षेत्रों में भी इस जलाशय के बनने के बाद क्षेत्रीय निवासियों को 24 घंटे पीने का पानी मिल सकेगा. शहरों के नवीनीकरण पेयजल की आपूर्ति व्यवस्था सुधारने के लिए अमृत योजना देश के 500 शहरों के साथ-साथ दिल्ली के लिए भी वरदान सिद्ध हो रही है और योजना के सहयोग से बनाया गया सोनिया विहार का भूमिगत जलाशय उसका प्रत्यक्ष प्रमाण है.
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सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में 2 राजनीतिक दलों के बीच राजनीतिक द्वेष के तहत केंद्र सरकार की कई योजनाओं को धरातल पर नहीं आने दिया जा रहा है. इस कारण दिल्ली के करोड़ों लोगों को कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की हर समस्या को चुनौती के रूप में लिया और उसका समाधान कर जनहित के लिए केंद्र सरकार को संवेदनशील बनाया.
दिल्ली के करोड़ों लोगों को मुफ्त वैक्सीन देने का मामला हो या अब प्रत्यक्ष भूमिगत जलाशय, दोनों इस बात का प्रमाण है कि अगर दो सरकारों के बीच बेहतर समन्वय हो तो समस्याओं का अंत निश्चित है. उन्होंने कहा कि अमृत योजना के तहत कॉलोनियों में पानी की लाइनें बिछाने, बेहतर ड्रेनेज सिस्टम और भूजल स्तर में सुधार लाने के लिए दिल्ली में केंद्र सरकार करोड़ों रूपये खर्च कर कई योजनाओं को मूर्त रूप दे रही है. इसका दीर्घकालिक लाभ दिल्ली के लोगों को मिलेगा. मार्च महीने में ही भूमिगत जलाशय बनकर तैयार हो गया है, लेकिन दिल्ली सरकार उसे जनता को समर्पित नहीं कर सकी. अगर ऐसा होता तो लाखों लोग पानी की किल्लत से बच जाते.
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भूमिगत जलाशय और पेयजल आपूर्ति के लिए लाइनें डालने के लिए करीब 80 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई थी. इसमें 35 करोड़ 95 लाख 82 हजार 806 रुपये की लागत से भूमिगत जलाशय का निर्माण किया गया है. इसमें 24 करोड़ 85 लाख 39 हजार 36 रुपये निर्माण कार्य, 7 करोड़ 77 लाख 23 हजार 925 रुपये मशीनरी और बिजली उपकरणों लगाने के लिए खर्च किए गए हैं. 3 करोड़ 7 लाख 52 हजार 500 रुपये चलाने और देखने के लिए आरक्षित किए गए हैं. बची राज की का उपयोग कालोनियों में पाइप लाइन डालने के लिए किया गया. भूमिगत जलाशय का निर्माण कार्य मार्च 2021 में पूरा हो गया है. ट्रायल रन भी पूरा हो गया है, जिसका लाभ सोनिया विहार, श्री राम कॉलोनी ,चांद बाग, सभापुर चौहान पट्टी, पश्चिम करावल नगर, कमल विहार एक्सटेंशन, सभापुर गांव, रामा गार्डन, शांति नगर और शिव विहार के लोगों को 24 घंटे पीने के पानी की आपूर्ति होगी. इन कॉलोनियों और आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले 7 लाख से अधिक लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा. साथ ही महत्वपूर्ण ये भी है कि आगामी 10 साल तक अमृत योजना की इस रकम से ही रखरखाव और देखरेख का काम होगा.