नई दिल्ली: त्योहारों के सीजन में राजधानी दिल्ली की आबोहवा पिछले सालों की तरह इस साल भी जहरीली होती जा रही है. राजधानी दिल्ली में लगातार वायु प्रदूषण का स्तर भयावह बना हुआ है. इस बीच दिल्ली वासियों को वायु प्रदूषण की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है. वहीं नॉर्थ MCD वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. ताकि वायु प्रदूषण के ऊपर लगाम लगाई जा सके.
18 मशीनें सड़कों की सफाई में लगीं
वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए नॉर्थ MCD के द्वारा 18 मैकेनिकल रोड स्वीपर मशीनों का रोजाना दिल्ली की सड़कों की सफाई के लिए प्रयोग किया जा रहा है. इनमें से 12 मैकेनिकल रोड स्वीपर मशीनें 12 क्यूबिक की हैं, जबकि 6 छोटी मशीनें 4.5 क्यूबिक की हैं. यह सभी मशीनें अत्याधुनिक तकनीक से लैस होने के साथ भारत में ही बनाई गई हैं.
कैपेसिटी के आधार पर तय होती है मशीन की कीमत
मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन कि मेंटेनेंस का रोजाना का खर्चा तकरीबन 12000 रुपये का है, जोकि मशीन की कैपेसिटी के ऊपर कम या ज्यादा हो सकता है. हालांकि नॉर्थ MCD ने मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन का ठेका आउटसोर्स के जरिए एक निजी कंपनी को दे रखा है. जिसके तहत मैकेनिकल रोड स्वीपर मशीनों की मेंटेनेंस की जिम्मेदारी निजी कंपनियों के ऊपर होती है, निगम के ऊपर नहीं.
वर्तमान समय में नॉर्थ MCD के द्वारा प्रयोग की जा रही मैकेनिकल रोड स्वीपर मशीन की कीमत उसकी कैपेसिटी के ऊपर निर्भर करती है. 12.5 क्यूबिक कैपेसिटी की मशीन की कीमत वर्तमान समय में लगभग 70 लाख रुपये है. वहीं 4.5 कैपेसिटी की मशीन की कीमत 50 से 55 लाख रुपये है.
'रात के वक्त होता है इन मशीनों का प्रयोग'
नॉर्थ MCD में प्रेस एंड इंफॉर्मेशन विभाग के डायरेक्टर योगेंद्र सिंह मान ने ईटीवी भारत को बताया कि मैकेनिकल रोड स्वीपर मशीन सही से काम कर रही हैं या नहीं. इसके लिए बाकायदा निगम के सैनिटेशन इंस्पेक्टर इन मशीनों को मॉनिटर करते हैं. ताकि नॉर्थ MCD के क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली छोटी से लेकर बड़ी सड़कों की सफाई सही से हो.
साथ ही सड़कों की सफाई के दौरान मशीन के अंदर ड्राइवर के साथ एक निगम का कर्मचारी भी मौजूद होता है. जो मशीन की स्पीड निर्धारित करता है. जिससे कि सड़क की सफाई सही से हो सके. मैकेनिकल रोड स्वीपर मशीनों का राजधानी दिल्ली में ज्यादातर प्रयोग रात के समय होता है. ताकि राजधानी दिल्ली की व्यस्त सड़कों पर ट्रैफिक की समस्या पैदा न हो.
पार्किंग की वजह से सफाई करने में होती है मुश्किल
मैकेनिकल रोड स्वीपर मशीन के ड्राइवर रविंद्र ने बताया कि रात के समय मशीनों से सड़कों की सफाई करने में कभी-कभी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि राजधानी दिल्ली में गाड़ियों की पार्किंग की समस्या एक बड़ी समस्या है. वहीं लोग अक्सर सड़कों के किनारे गाड़ियां पार्क करके चले जाते हैं. जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है.