नई दिल्ली : दो साल पहले दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली के स्कूलों में एंटरप्रिन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम शुरु किया गया था. सरकार का मानना था कि बच्चें जब स्कूल से बाहर निकलें, तो जॉब सीकर की तरह नहीं, जॉब प्रोबाइडर बनें. सोमवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस करिकुलम का एक महत्वपूर्ण कांसेप्ट सीड मनी का भी है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खिचड़ीपुर के 41 बच्चों ने नौ ग्रुप बनाकर सीड मनी इनवेस्टमेंट शुरू किया है और सभी प्रॉफिट में चल रहे हैं.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि बेरोजगारी का समाधान ढूंढना है तो देश में एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट को आगे बढ़ाना होगा. सरकार इसे चाहे आत्मनिर्भर भारत समझे या स्टार्ट आप समझे लेकिन एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट के जरिए देश में बढ़ती बेरोजगारी को कुछ हद तक कम किया जा सकता है. फिलहाल खिचड़ीपुर में स्थित स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में बतौर पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा था, लेकिन अब मंगलवार से इसे दिल्ली के एक हजार सरकारी स्कूलों में लागू करने जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें- दिल्ली बनेगी ओलंपिक मेडलिस्ट और वर्ल्ड चैंपियन खिलाड़ियों की फैक्ट्री: मनीष सिसोदिया
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पड़ने वाले 3 लाख से अधिक बच्चों को सीड मनी के तौर दो हजार रुपये दिए जाएंगे. बच्चे चाहे अकेले या छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर अपना काम शुरू कर सकते हैं. अभी एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम में छात्रों को बतौर सीड मनी एक हजार रुपए मिलते थे. उन्होंने कहा कि स्कूलों की बिल्डिंग सही करना, टीचर ट्रेनिंग और रिजल्ट को बेहतर बना देना उपलब्धि नहीं मानता हूं. हमारे लिए उपलब्धि ये आज जो बच्चे कुछ कर रहे हैं वह उपलब्धि है.
ये भी पढ़ें- दिल्ली सरकार शिक्षक दिवस को 'आभार दिवस' के रूप में मनाएगी, 122 शिक्षकों को पुरस्कृत करेगी
बता दें कि दिल्ली शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों में पिछले दो साल से 9वीं से 12वीं क्लास एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम चलाया जा रहा है. जिसमें 11वीं और 12वीं के छात्रों को सीड मनी भी दी जाती है.