नई दिल्ली: डीसीपीसीआर के जर्नल "चिल्ड्रन फर्स्ट-जर्नल ऑन चिल्ड्रन लाइव्स" के दूसरे अंक को शनिवार को लॉन्च किया (Children's First-Journal on Children's Lives) गया. वीर सावरकर एसकेवी (Veer Savarkar SKV) में आयोजित कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बी वी नागरत्ना बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं. जर्नल का दूसरा अंक कोरोना के प्रभाव में बच्चों के विभिन्न मुद्दों और उनके अधिकारों पर केंद्रित है. इस अंक का थीम "बाधित बचपन, बाधित शिक्षा" है. जर्नल का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों से जुड़े मुद्दों, उनसे जुड़ी पॉलिसी पर फोकस करना है. यह शिक्षकों, हेल्थ प्रोफेशनल्स, सिविल सोसाइटीज आर्गेनाइजेशनस आदि को भारत में बच्चों की स्थिति पर अपने विचार और राय साझा करने के लिए मंच प्रदान करता है.
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, डीसीपीसीआर जर्नल का दूसरा अंक बच्चों के मुद्दों पर महत्वपूर्ण रूप से केंद्रित है. महामारी के दौरान विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में उनके अनुभवों को प्रदर्शित करता है. भविष्य में भारत में बच्चे के लिए सरकारों को बेहतर नीतियों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा. बच्चों के लिए भारत की पुनर्कल्पना विषय पर अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में भारत को एक ऐसे देश के रूप में देखना चाहते हैं जहां बच्चों और उनके परिवारों को शिक्षा, नौकरी, स्वास्थ्य, सुरक्षा और न्याय के लिए दूसरे पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.
जर्नल में देश भर के बच्चों की 10 पेंटिंग भी शामिल हैं. कार्यक्रम के दौरान ग्रुप डिस्कशन भी रखा गया जिसमें कई गणमान्य लोग शामिल हुए. इस दौरान बच्चों से जुड़े विषयों पर चर्चा की गई वही सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बी.वी. नागरत्ना (Supreme Court Justice BV Nagarathna) बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं जिन्होंने इससे जुड़े कानूनों के संबंध में जानकारियां दीं.
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