नई दिल्लीः हर वर्ष राजधानी के अलग-अलग Industrial area में होने वाले हादसे में कई मजदूरों की जान जाती है, लेकिन श्रम कानून पूरी तरह से लागू नहीं होने के कारण मजदूराें काे समय पर मुआवजा और अन्य लाभ नहीं मिल पाता है. यूनियन के नेताओं ने ये बातें दाेहरायी.
हरि नगर स्थित लेबर कमिश्नर कार्यालय के बाहर फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों की अलग-अलग मांगों को लेकर इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन यानी IFTU ने धरना प्रदर्शन किया, ज्ञापन भी सौंपा. IFTU ने मांग की कि जो श्रम कानून बनाए गए हैं उसे ईमानदारी से लागू किया जाए. साथ ही यह भी तय हो कि हादसे में अगर मजदूर की मौत होती है, तो उसे पूरा मुआवजा मिले.
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सभी मजदूरों को बोनस, पीएफ और मेडिकल की सुविधा भी मिले. मजदूर यूनियन का कहना है कि केंद्र सरकार कुल 44 लेबर कोर्ट को चार लेबर कोर्ट में तब्दील करने की योजना बना रही है, जिससे मजदूरों को नुकसान होगा. साथ ही उनका कहना है कि मजदूर इंडस्ट्री के Backbone हैं, लेकिन इनके हितों की ही रक्षा नहीं हो रही.