नई दिल्ली : दिल्ली एमसीडी चुनाव की तारीख को लेकर अब सभी पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है, लेकिन कांग्रेस अपने आप को एमसीडी चुनाव में सबसे आगे और जमीनी स्तर पर दिल्ली में काम करने वाली पार्टी के रूप में देख रही है. अगर एमसीडी चुनाव के तारीख बढ़ी तो दिल्ली कांग्रेस के लिए मुसीबत भी बढ़ सकती है. जहां दिल्ली कांग्रेस अपने आपको तैयार बता रही है तो वहीं बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली कांग्रेस के नेताओं को नसीहत दे डाली. उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव लड़ने का फैसला छोड़ दे. पहले अपने संगठन को पहले मजबूत करे.
2017 में हुए नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को 31 सीटें ही मिली थीं. बीजेपी को 181 और आम आदमी पार्टी को 49 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार शुरू से ही कांग्रेस के लिए करो या मरो जैसा संघर्ष है. एक तरफ तीनों एमसीडी एक करने और चुनावी तारीख को लेकर जहां कांग्रेस बीजेपी और आप पर आरोप लगा रही है कि एमसीडी पर काबिज बीजेपी और दिल्ली सरकार की मिलीभगत का नतीजा है कि समय पर एमसीडी चुनाव नहीं होने दिया जा रहा है. दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि दोनों ही पार्टियों की तैयारी और उनका हारने के डर के कारण यह फैसले एमसीडी चुनाव तारीख की घोषणा होने वाले दिन लिए गए.
दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि कांग्रेस जब यह कहती है कि हम चुनाव के लिए तैयार हैं तो सुन कर हंसी आती है. यह नहीं कि हम किसी राजनीतिक दल पर हंसना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस की जो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक राजनीतिक स्थिति में है. खुद दिल्ली में चुनाव हुए हैं. कुछ वर्षों से चुनाव हुए हैं. सब ने उसके परिणाम देखे हैं. जब कांग्रेस का कोई नेता कहता है कि हम सबसे ज्यादा दिल्ली में तैयार हैं, तो यह सुनकर काफी दुख होता है. ठीक है आप लोगों को दिल्ली में जीतना थोड़ी है. केवल नॉमिनेशन फाइल करना है और जमानत जब्त का पेपर लेकर जाना है. इसलिए अभी बेहतर होगा कि कांग्रेस चुनाव लड़ने का फैसला छोड़ दे और अभी संगठन मजबूत करने में लगे.
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कांग्रेस के प्रवक्ता अनुज आत्रेय ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेसी कार्यकर्ता एमसीडी चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. कांग्रेस पार्टी चाहती है कि चुनाव समय पर हों. कहीं न कहीं दोनों ही पार्टियों को यह डर है कि अगर समय पर चुनाव होंगे तो कांग्रेस फिर से एमसीडी में आ सकती है. तैयारियों का सही पता चलता है कि लगातार सदस्यता अभियान के जरिए हजारों लोगों को जोड़ा जा रहा है. लोगों के मुद्दे केवल एक ही पार्टी उठा रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों ने कोरोना के वक्त दिल्ली सरकार और बीजेपी ने छोड़ दिया था. कांग्रेस ऐसी अकेली पार्टी है, जिसके कार्यकर्ताओं ने लोगों तक मदद पहुंचाई.