जेएनयू में हॉस्टल की कमी और सुरक्षा की समस्या से सब परेशान : एबीवीपी

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Published : Jun 24, 2022, 10:45 AM IST

Updated : Jun 24, 2022, 12:30 PM IST

जेएनयू

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2022 - 23 में सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के तहत एडमिशन होने जा रहे हैं. वहीं दाखिले से लेकर जेएनयू के तमाम मुद्दों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जेएनयू इकाई अध्यक्ष रोहित कुमार से ईटीवी भारत ने खासबात की. जहां पर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में हॉस्टल की कमी से लेकर जेएनयू सुरक्षा बहुत बड़ी समस्या है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस वर्ष से विश्वविद्यालय में छात्रों को बदले हुए नियम के तहत एडमिशन मिलेगा. दाखिले में छात्रों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो इसको ध्यान में रखते हुए निशुल्क क्रैश कोर्स कराया जा रहा है.

नई दिल्ली: जेएनयू एबीवीपी इकाई अध्यक्ष रोहित कुमार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कोविड-19 में हो रहे सुधार के साथ अब विश्वविद्यालय में 90 फ़ीसदी से अधिक छात्र आ चुके हैं. विश्वविद्यालय से आने वाले छात्रों की हॉस्टल को लेकर एबीवीपी ने लंबा संघर्ष किया तब जाकर विश्वविद्यालय में आने वाले छात्रों को हॉस्टल की सुविधा मिल पा रही है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि यूजी, पीजी और पीएचडी में छात्रों को बदले हुए नियम के साथ एडमिशन मिलेगा. इसे ध्यान में रखते हुए छात्रों को निशुल्क क्रैश कोर्स कराया जा रहा है. जिसमें अब तक स्नातक पाठ्यक्रम में 3500 से अधिक और पीजी में 2,000 से अधिक छात्र जोड़ चुके हैं. छात्रों को नि:शुल्क सहायता के साथ स्टडी मैटेरियल मुहैया कराने के साथ दाखिले से जुड़ी हर परेशानी को दूर किया जा रहा है.

वहीं रोहित कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में हॉस्टल की स्थिति काफी दयनीय है. विश्वविद्यालय प्रशासन से हॉस्टल को दुरुस्त करने के लिए कई बार शिकायत किया जा चुका है. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बरसात के दिनों में हॉस्टल की हालत इतनी खराब हो जाती है कि छत से पानी टपकने लगता है. साथ ही कहा कि पिछले दिनों हॉस्टल मरम्मत के लिए 58 करोड़ से अधिक रुपए जारी भी हुए थे. लेकिन अभी तक वह दिखाई नहीं दे रहे हैं. साथ ही कहा कि करीब चार से पांच साल पहले विश्वविद्यालय में नए हॉस्टल की निर्माण का कार्य भी शुरू हुआ था. लेकिन अब तक नहीं पता हॉस्टल के निर्माण की क्या स्थिति है. अगर यह हॉस्टल समय पर बन गए तो कुछ हद तक छात्रों को महंगे पीजी में रहने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जेएनयू इकाई अध्यक्ष रोहित कुमार से ईटीवी भारत ने खासबात की.
रोहित कुमार ने कहा कि देश में कोविड-19 की स्थिति बेशक सुधर गई है. लेकिन विश्वविद्यालय में तो ऐसा प्रतीत होता है कि अभी तक कोविड-19 स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी तक ऑफलाइन क्लास नहीं शुरू किया गया और ना ही लाइब्रेरी पूर तरह से छात्रों के लिए खोला गया है. जिसका खामियाजा छात्रों को उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस मसले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से कई बार शिकायत कर चुके हैं. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के ढुलमुल रवैया से छात्रों को परेशानी उठानी पड़ रही है.

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वहीं रोहित कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में सिक्योरिटी बहुत बड़ी समस्या बन गई है. उन्होंने कहा कि जब से मौजूदा सिक्योरिटी कंपनी को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है. विश्वविद्यालय में चोरी के मामले रोज़ सुनाई पड़ते हैं. कोई भी विश्वविद्यालय में बिना जांच के प्रवेश कर लेता है. मौजूदा सुरक्षा कंपनी की वजह से विश्वविद्यालय में सुरक्षा भगवान भरोसे हो गई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि एबीवीपी की मांग के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने मौजूदा सुरक्षा कंपनी को बदलने का जो निर्णय लिया है वह स्वागत योग्य कदम है. इसके अलावा जेएनयू एबीवीपी इकाई अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में सेक्सुअल हैरेसमेंट के मामले काफी बढ़ गए हैं इस मामले को विश्वविद्यालय प्रशासन को गंभीरता से लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो भी इस मामले में दोषी हो उस व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने रामनवमी के दिन हुई घटना पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.

Last Updated :Jun 24, 2022, 12:30 PM IST
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