नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली में आए दिन जर्जर मकान गिरने के हादसे होते रहते हैं. जिसमें लोग मौत के शिकार भी हो जाते हैं. लेकिन इसके बावजूद भी निगम के रिकॉर्ड में पूर्वी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में एक भी मकान खतरनाक घोषित नहीं है. निगम अधिकारियों के इस आंकड़े पर पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल ने भी हैरानी जताई है.
बता दें कि बीते शनिवार नंद नगरी इलाके में एक जर्जर भवन गिरने की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई. साथ ही 3 लोग घायल हो गए. यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई हादसे सामने आ चुके हैं. लेकिन हादसे के बाद भी निगम अधिकारी ने कोई सबक नहीं लिया.
हर वर्ष मानसून के दौरान किसी खतरनाक मकान गिरने की वजह से लोग मौत के मुंह में समा जाते हैं. लेकिन हादसा होने के बावजूद भी निगम के अधिकारी नहीं जागते. अधिकारी आनन-फानन में वार्ड का निरीक्षण कर उसकी रिपोर्ट तैयार कर अपने वरिष्ठ अधिकारी को देते हैं. लेकिन इसके बाद भी ऐसे सैकड़ों भवन सूची से रह जाते हैं. जो जर्जर हालात में होने के बावजूद भी निगम के अधिकारियों से खतरनाक घोषित नहीं होते.
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल ने बताया कि बीते सप्ताह जो आखिरी निगम अधिकारियों की तरफ से उपलब्ध कराए गए हैं. उसके मुताबिक 7 जून में करीब 61000 मकानों का सर्वे किया गया. जबकि नॉर्थ जोन में तकरीबन 91000 मकान का सर्वे किया गया. लेकिन इन मकानों में कोई भी खतरनाक नहीं पाया गया.
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श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि जिस तरह से बीते दिन हादसा हुआ है. इससे साफ है कि नगर निगम के अधिकारी सही ढंग से सर्वे नहीं कर रहे हैं. उनका का कहना है कि उनकी तरफ से निगम अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि सही ढंग से सर्वे करें और जो भी मकान खतरनाक पाए जाए उसे डेंजर घोषित कर खाली कराए.
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