निगम कर्मचारियों पर अत्याचार कर रही है दिल्ली सरकार : महापौर

author img

By

Published : May 12, 2022, 10:39 PM IST

delhi update news

पूर्वी दिल्ली के महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 25,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं, जिन्हें पिछले पांच महीने से वेतन नहीं मिला है. उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है. दुकानदारों ने उधार देना बंद कर दिया है.

नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली नगर निगम के महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल और स्थायी समिति के अध्यक्ष वीर सिंह पंवार ने आज प्रेस वार्ता को संबोधित किया. श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 25,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं, जिन्हें पिछले पांच महीने से वेतन नहीं मिला है. उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है. दुकानदारों ने उधार देना बंद कर दिया है. मकान की किस्त न देने के कारण उन्हें बैंकों से नोटिस आ रहे हैं. वे अपने बच्चों के स्कूल की फीस नहीं दे पा रहे हैं, जिसके कारण स्कूल वालों ने भी बच्चों को चेतावनी दे दी है. लेकिन दिल्ली में बैठी राज्य सरकार असंवेदनशील हो चुकी है. अपने दायित्वों की जान-बूझकर अनदेखी कर रही है.

श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर नगर निगमों को देय बीटीए की पहली किस्त के अग्रिम भुगतान करने के लिए आज हमने दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है और इसकी प्रतिलिपि माननीय उप-राज्यपाल को भी भेजी है. मेयर ने कहा कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम-2022 के पारित होने तथा दिल्ली नगर निगमों के एकीकरण के कारण दिल्ली सरकार फंड जारी नहीं कर रही है.

पूर्वी दिल्ली के महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल

मेयर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार किसी भी कारण से दिल्ली नगर निगम का देय फंड नहीं रोक सकती है. क्योंकि इसे रोकने का कोई कारण नहीं बनता है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम आर्थिक रूप से कमजोर है. क्योंकि इसके आय के स्रोत काफी सीमित हैं. पूर्वी दिल्ली में रहने वालों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति कमजोर है. दिल्ली सरकार को यह फंड तुरंत रिलीज कर देना चाहिए. ताकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन व पेंशन दे सके.

ये भी पढ़ें : अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के डर से सीलमपुर में दुकानदारों ने खुद हटाया सामान

प्रेस वार्ता के कुछ अहम अहम बिंदू
1. दिल्ली नगर निगम अधिनियम की धारा 107 ए के तहत स्थानीय निकायों को दिल्ली सरकार द्वारा आनुपातिक हिसाब से फंड उपलब्ध कराना होता है, जोकि संविधान के अनुच्छेद 243-आई एवं 243-वाई के तहत बाध्यकारी है. इसमें दिल्ली नगर निगम अधिनियम 2022 के तहत कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, चाहे निगम तीन हो या एक हो.

2. दिल्ली नगर निगम अधिनियम 2022 भले ही पास हो गया है, लेकिन पूर्वी दिल्ली नगर निगम अभी भी कार्य कर रहा है और पूर्वी दिल्ली नगर निगम को जिस फंड की संस्तुति की गयी है वह उसे प्राप्त होना चाहिए.
3. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार संविधान के प्रावधानों के तहत निगमों को फंड जारी करने के लिए बाध्य है चाहे वह अलग हों या एकीकृत हों.
4. दिल्ली नगर निगम अधिनियम 2022 केवल दिल्ली नगर निगम अधिनियम 2011 का उलट है, जिसमें सरकार का मतलब दिल्ली सरकार न होकर केंद्र सरकार रखा गया है.

5. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार 2012 से पहले भी एकीकृत निगम को वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर फंड रिलीज करती थी.
6. हालांकि अभी छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन नहीं किया गया है, नगर निगमों को पांचवे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर फंड जारी करना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार लगातार एकीकृत दिल्ली नगर निगम को वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर फंड रिलीज करती थी और इस प्रकार का कोई व्यवधान बीच में नहीं था.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.