नई दिल्ली: दिल्ली की लाइफ लाइन कही जाने वाली डीटीसी बस सेवा (DTC Bus Service) में करीब 26 साल बाद बड़ा बदलाव (big change) होने जा रहा है. जिन अलग-अलग रूटों पर डीटीसी की बसें चल रही हैं, वर्ष 1996 में उनका रूट निर्धारित हुआ था. अब वर्ष 1996 के बाद पहली बार व्यापक रूप से बदलाव किया जा रहा है. पुराने रूटों में फेरबदल का ट्रायल आगामी 2 अक्टूबर से शुरू होगा. ट्रायल के दौरान लोगों से सुझाव लिए जाएंगे और उस आधार पर 15 अक्टूबर से निर्धारित फाइनल रूट पर बसें चलेंगी.
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व्यस्त इलाकों के लिए हर 5 मिनट पर मिलेगी बस : दिल्ली के व्यस्त इलाकों तक आने-जाने के लिए लोगों को सुविधा हो इसके लिए हर 5 मिनट पर बसें मिलेंगी. दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने इस बाबत सार्वजनिक सूचना जारी कर दी है. इसमें बताया गया है कि एनसीआर और फीडर रूटों को छोड़कर बाकी के सभी नए रूटों पर 2 अक्टूबर से ट्रायल बेसिस पर बसों का परिचालन शुरू किया जाएगा. अभी दिल्ली में डीटीसी और क्लस्टर स्कीम के तहत 7300 बसें चल रही हैं.
सरकार का लक्ष्य कि अगले 4 सालों में बसों की संख्या बढ़ाकर 11000 कर दी जाए. अभी स्टैंडर्ड रूटों पर सामान्य आकार की 12 मीटर लंबी बसें ही चलेंगी. फीडर रूटों पर 9 मीटर लंबी मिनी या मिडी बसें लाई जाएंगी. ये सभी इलेक्ट्रिक बसें होंगी. रूट निर्धारण में के लिए कुल 6 श्रेणियों में बांटा गया है.
दिल्ली के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों के बीच कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए इन रूटों पर 5 से 10 मिनट की फ्रीक्वेंसी पर बसें चलेंगी. दूसरा सुपर ट्रंक रूट, ये रूट शहर के अंदर प्रमुख केंद्रों से व्यापारिक केंद्रों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे. इन रूटों पर भी 5 से 10 मिनट पर बसें चलेंगी.
प्राइमरी रूट : ये ऐसे प्राथमिक रूट होंगे जो शहरों के विभिन्न आवासीय क्षेत्रों से अन्य वाणिज्यिक व्यापारिक क्षेत्रों के लिए भी कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे. दिल्ली एनसीआर के बीच आने वाले लोगों की सहूलियत के लिए एनसीआर रूट तैयार किया गया है. इन रूटों पर 20 मिनट की फ्रीक्वेंसी में बसें चलाई जाएंगी. दिल्ली के विभिन्न गांवों और अन्य आवासीय क्षेत्रों से नजदीक प्राइमरी रूट या मेट्रो स्टेशन के लिए कनेक्टिविटी प्रधान की जाएगी. एयरपोर्ट सर्विस रूट प्रमुख केंद्रों से एयरपोर्ट के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.
6 तरह के सर्वे में शामिल हुए थे दो लाख लोग :डीटीसी बसों का रूट तय करने के लिए छह तरह के सर्वे किए गए थे. इस सर्वे में करीब दो लाख लोगों को शामिल किया गया. सर्वे के अनुसार, दो लाख लोगों में से 37 फीसद लोग सार्वजनिक सेवा का इस्तेमाल करते पाए गए. सर्वे में कई बातें सामने निकल कर आई. लोगों की औसत यात्रा की लंबाई करीब 11.2 किलोमीटर है. दिल्ली में 37 प्रतिशत लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं.
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