दिल्ली के छतरपुर स्थित माता आद्या कात्यायनी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

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Published : Sep 26, 2022, 8:23 AM IST

Updated : Sep 26, 2022, 10:14 AM IST

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पूरे देश भर में आज नवरात्रि का त्यौहार शुरू हो चुका है. देश की राजधानी दिल्ली के छतरपुर में स्थित माता आद्या कात्यायनी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई है.

नई दिल्ली: नवरात्रि के नौ दिन जगत जननी मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है. मां के नौ स्वरूप और उनके नाम का अलग अर्थ लोगों को नई सीख देता हैं. नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है, जो हिमालयराज की पुत्री हैं. इसी के चलते उनके नाम का अर्थ भी कुछ ऐसा है, शैल मतलब पत्थर या पहाड़. पूजा के पहले दिन शैलपुत्री की आराधना की जाती है.

पूरे देश भर में आज नवरात्रि का त्योहार शुरू हो चुका है, माता के भक्त इन 9 दिनों तक अलग-अलग मां का व्रत रखते हैं और मां दुर्गा की पूजा करते हैं. देश की राजधानी दिल्ली के छतरपुर मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लग रहा है. सुबह 6:00 बजे से ही माता आद्या कात्यायनी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ दिखना शुरू हो गई है. सभई भक्त मां को प्रसन्न करने के लिए प्रसाद तथा फूल चढ़ा मां से मन्नत मांग रहें हैं.

छतरपुर स्थित माता आद्या कात्यायनी देवी मंदिर

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बता दें, मां शैलपुत्री का वाहन वृषभ (बैल) है. ऐसा कथा प्रचलित है कि एक बार प्रजापति दक्ष, जो सती के पिता थे. उन्होंने यज्ञ के दौरान भगवान शिव और सती को छोड़कर सभी देवताओं को आमंत्रित किया, लेकिन सती बिना बुलाए ही यज्ञ में जाने को तैयार हो गई. अब भगवान शिव ने उन्हें समझाया कि ऐसे बिना बुलाए जाना उचित नहीं है, इसके बावजूद भी सती नहीं मानी और ऐसे में उनकी जिद के आगे भगवान शिव ने उन्हें जाने की अनुमति प्रदान कर दी. अब सती बिना बुलाए पिता के यहां यज्ञ में प्रतिभाग करने पहुंच गई, वहां उनके साथ बुरा व्यवहार किया गया. मायके में सती की मां के अलावा सभी ने उनसे गलत तरीके से बात की, क्या भाई और क्या बहनें, सभी ने सती और उनके पति भगवान शिव का खूब उपहास किया.

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Last Updated :Sep 26, 2022, 10:14 AM IST
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