नई दिल्ली : दिल्ली में भी अग्निपथ योजना का विरोध बड़े पैमाने पर होने लगा है. मोदी सरकार की नई सेना भर्ती नीति 'अग्निपथ' का आज देश भर में जिस तरह विरोध हुआ है. वह अब देश की राजधानी दिल्ली में भी तमाम युवा संगठन आगे बढ़कर इस नई भर्ती नीति का विरोध करने के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करेंगे.
गुरुवार सुबह युवाओं ने नांगलोई स्टेशन पर रेल रोक नई भर्ती नीति का विरोध किया, तो शाम में युवा संगठन हल्ला बोल के नेतृत्व में रोजगार के लिए भटक रहे छात्र कनॉट प्लेस में एकजुट होकर वहां पर विरोध प्रदर्शन करेंगे. वे सांकेतिक रूप से मोदी सरकार की नई सेना भर्ती नीति का वह विरोध करेंगे. संगठन के प्रमुख अनुपम का कहना है कि केंद्र सरकार को यह भर्ती नीति वापस ले लेना चाहिए. इसमें सरकार जितनी देर करेगी उतनी दिक्कत होगी. नियमित भर्ती शुरू की जाए और मॉडल एग्जाम कोड लागू करके सेना के सभी रिक्त पदों को भरा जाए. पिछले तीन साल में भर्ती नहीं होने के कारण जिन युवाओं की उम्र निकल गई उसको क्षति पूर्ण करने का भी अवसर सरकार को देना चाहिए.
इधर छात्र संगठन AISA ने भी 17 जून यानी शुक्रवार को देशव्यापी छात्र युवा हड़ताल का ऐलान किया है. आईसा का कहना है कि नौकरी ठेका पट्टा पर नहीं सम्मानजनक रोजगार की गारंटी देकर सरकार सेना में खाली सभी पदों पर अविलंब अस्थाई बहाली प्रक्रिया शुरू की जाए. नौजवानों के सम्मान व रोजगार के खिलाफ करने वाले केंद्र सरकार से अपील की है कि अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस द्वारा बर्बरता अभी तुरंत बंद की जाए.
उधर, केंद्र सरकार की नई भर्ती नीति का दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी विरोध किया है. वे छात्रों के समर्थन में ट्वीट भी किया है. उन्होंने कहा कि बेरोजगारों की मांग बिल्कुल जायज है. सेना भर्ती को लेकर केंद्र सरकार की नई योजना का देश भर में हर तरफ विरोध हो रहा है. युवा बहुत नाराज है उनकी मांगे सही है. सेना हमारे देश की शान है. हमारे युवा देश को अपना पूरा जीवन देना चाहते हैं. उनके सपनों को 4 साल में बांधकर नहीं रखा जाना चाहिए. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस ट्वीट ने युवाओं को नया उत्साह देने का काम किया है.
दिल्ली से लेकर यूपी-बिहार और तमाम राज्यों में बेरोजगार युवा सरकार की नई भर्ती नीति का उग्र विरोध करने हैं. कहीं जगह ट्रेनें रोक दी. बिहार के आरा में ट्रेनों को आग लगा दी. स्टेशन में तोड़फोड़ भी हुई और अभी इस भर्ती नीति को वापिस लेने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा कोई फैसला नहीं लिए जाने से युवा खासे नाराज हैं. अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को 4 साल के लिए सेना में नौकरी दी जानी है. इसके बाद वह क्या करेंगे एक बड़ा सवाल है. हालांकि सरकार का कहना है कि पुलिस वालों ने नौकरियों में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी. लेकिन बेरोजगार युवा इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं.