दिल्ली हिंसा के आरोपी खालिद सैफी ने जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

दिल्ली हिंसा के आरोपी खालिद सैफी ने जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोपी खालिद सैफी की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट 10 मई को सुनवाई करेगी. 8 अप्रैल को कड़कड़डूमा कोर्ट ने खालिद सैफी की जमानत याचिका खारिज कर दिया था.
नई दिल्ली : दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोपी खालिद सैफी ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर किया है. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच जमानत याचिका पर 10 मई को सुनवाई करेगी.
8 अप्रैल को कड़कड़डूमा कोर्ट ने खालिद सैफी की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. सुनवाई के दौरान खालिद सैफी की ओर से वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा था कि अभियोजन पक्ष का ये कहना कि नागरिकता संशोधन कानून के लोकसभा में पारित होने के बाद खालिद सैफी का जंतर-मंतर पर जाना एक साजिश का हिस्सा है. उन्होंने कहा था कि जंतर-मंतर एक विरोध स्थल है जहां लोग अपना विरोध जताने जाते हैं. उन्होंने कहा था कि अभियोजन के पास इस बात के पुख्ता साक्ष्य नहीं हैं कि खालिद सैफी 2019 में उमर खालिद से मिला या उमर खालिद ने खालिद सैफी से खुरेजी में विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा.
ये भी पढ़ें : दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई टली
दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि इस मामले में टेरर फंडिंग हुई थी. स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर अमित प्रसाद ने कहा था कि इस मामले के आरोपी ताहिर हुसैन ने काला धन को सफेद करने का काम दिया. अमित प्रसाद ने कहा था कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली की हिंसा के दौरान 53 लोगों की मौत हुई. इस मामले में 755 एफआईआर दर्ज किए गए हैं. इसमें गोली चलने की 13 घटनाएं घटी. दूसरी वजहों से छह मौतें दर्ज की गई. इस दौरान 581 एमएलसी दर्ज किए गए. इस हिंसा में 108 पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. इस हिंसा से जुड़े करीब 24 सौ लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने कहा था कि इस पूरी घटना में किसी भी साजिशकर्ता को कोई नुकसान नहीं हुआ. अगर किसी का नुकसान हुआ तो वो आम लोग थे.
