दिल्ली दंगा : आरोपी ताहिर हुसैन को अब तक नहीं मिली अलग वैन, कोर्ट ने DCP को भेजा नोटिस

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Published : Dec 16, 2021, 7:50 PM IST

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दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को अदालत के आदेश के बावजूद पेशी के लिए अलग वैन उपलब्ध न कराने का मामला आज कोर्ट में पेश किया गया. इस पर कोर्ट ने डीएपी थर्ड बटालियन के डीसीपी को नोटिस जारी करके अगली तारीख पर पेश होने का आदेश दिया है.

नई दिल्ली : दिल्ली हिंसा के आरोपी ताहिर हुसैन को जेल से कोर्ट में पेशी के दौरान अलग वैन उपलब्ध नहीं कराया गया है. ताहिर हुसैन ने बुधवार को इस बात की शिकायत कड़कड़डूमा कोर्ट से की. इस शिकायत पर गौर करते हुए कोर्ट ने DCP को तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी 2022 को होगी.



ताहिर हुसैन ने अपने वकील से वीडियो कॉल के जरिए बात करते समय जेल में हेडफोन उपलब्ध कराने की मांग की. ताहिर हुसैन की ओर से वकील रिजवान ने ये भी शिकायत की कि कोर्ट के आदेश के बावजूद ताहिर हुसैन को जेल से कोर्ट में पेशी के लिए लाने और ले जाने के लिए अलग वैन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जेल अधिकारी तो आदेश का पालन कर रहे हैं, लेकिन डीएपी थर्ड बटालियन को आदेश का पालन करना बाकी है. जेल सुपरिंटेंडेंट के मुताबिक उन्होंने डीएपी थर्ड बटालियन से आग्रह किया है कि ताहिर हुसैन की सुरक्षा अपग्रेड करके कोर्ट में पेशी के दौरान अलग वैन से लाया जाए. उसके बाद कोर्ट ने डीएपी थर्ड बटालियन के डीसीपी को नोटिस जारी करके अगली तारीख पर पेश होने का आदेश दिया.

दंगों के सह आरोपी अमित गुप्ता को ताहिर के खिलाफ सरकारी गवाह बनाने की मांग


अदालत ने दिल्ली दंगों में मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सह-आरोपी अमित गुप्ता को सरकारी गवाह बनाने की उसकी अर्जी पर भी 7 जनवरी 2022 को सुनवाई होगी. 1 नवंबर को सुनवाई के दौरान अमित गुप्ता के मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज बयान को सीलबंद लिफाफे में कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था. अमित गुप्ता का बयान 5 अक्टूबर को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट भरत अग्रवाल के समक्ष दर्ज किया गया था. 29 सितंबर को ईडी ने अमित गुप्ता की खुद को सरकारी गवाह बनाने की अर्जी का शर्तों के साथ समर्थन किया था. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने अमित गुप्ता को अपना बयान दर्ज कराने के लिए मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के पास भेजने का आदेश दिया था. सुनवाई के दौरान अमित गुप्ता की ओर से वकील कंवर अभय सिंह, क्षितिज अहलावत और ऋषभ सचदेवा ने कहा था कि अमित गुप्ता ने इस मामले के मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मदद की है लेकिन इसका न तो उसे कोई लाभ नहीं हुआ है और न ही उसने कोई सहयोग किया है.

उन्होंने कहा था कि अमित गुप्ता को अगर सरकारी गवाह बनाया जाता है तो उसके बयानों से इस मामले के दूसरे आरोपियों तक पहुंचने में मदद मिलेगी. सुनवाई के दौरान अमित गुप्ता ने कहा था कि वह इस अपराध की सच्चाई का खुलासा करेगा. इसलिए उसे माफ करके सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी जाए. सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से वकील एनके माटा और ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि अमित गुप्ता को सरकारी गवाह बनाया जा सकता है. बशर्ते वह इस अपराध का पूरा खुलासा करे. ईडी ने कहा था कि अमित गुप्ता को इस मामले की जांच में पूरा सहयोग करना होगा. सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने कहा कि वो इस अर्जी का विरोध करे या नहीं. इस पर तभी फैसला होगा जब अमित गुप्ता के मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयानों को वे देखेंगे. इस पर अमित गुप्ता ने कहा था कि उसने किसी भी दबाव में ये अर्जी दाखिल नहीं की है. तब कोर्ट ने कहा कि इस अर्जी पर फैसला तभी किया जा सकता है जब अमित गुप्ता का मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान हो.

ताहिर के खिलाफ मीडिया ट्रायल रोकने की वकील ने की थी कोर्ट से मांग


बीती 28 जनवरी को सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से वकील रिजवान ने कहा था कि ताहिर हुसैन के खिलाफ मीडिया में अपमानजनक खबरें चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा था कि कोर्ट के आदेश के पहले ही मीडिया ऐसी खबरें चला रहा है, जैसे ताहिर हुसैन दोषी हों. उन्होंने कहा था कि ताहिर हुसैन विचाराधीन कैदी हैं, दोषी नहीं. उन्होंने कहा था कि चार्जशीट में जो आरोप लगाए गए हैं, वे महज आरोप हैं, प्रमाणित तथ्य नहीं. मीडिया की ओर से ऐसा करने से उसके निष्पक्ष ट्रायल के अधिकार का उल्लंघन होता है. रिजवान ने कोर्ट से मीडिया संगठनों को ताहिर हुसैन के खिलाफ ट्रायल चलाने से रोकने का आदेश देने की मांग की थी. ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को आरोपी बनाया है. 16 अक्टूबर 2020 को ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने चार्जशीट दाखिल किया था. ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को मनी लाउंड्रिंग एक्ट की धारा 3 के तहत आरोपी बनाया है.

चार्जशीट में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों में ताहिर द्वारा धनराशि लगाने का आरोप लगाया है. ईडी ने कहा है कि करीब सवा करोड़ रुपए से दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई. ईडी के मुताबिक ताहिर हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने एक करोड़ दस लाख रुपए की मनी लाउंड्रिंग किया. दंगों के लिए एकत्रित किए गए इस धन को फर्जी कंपनी के जरिए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों में लगाया गया.

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