नई दिल्ली : उत्तरी जिला के साइबर थाना पुलिस ने चीटिंग के ऐसे मामले का खुलासा किया है, जिसमें ठगी करने वाला कोई ज्यादा पढ़ा-लिखा या हाईटेक इंजीनियर नहीं बल्कि मात्र 10वीं-12वीं पास था. यह 10वीं पास ठगों का गैंग लोगों को बेवकूफ बना रखा था. लोगों को फर्जी कंपनी का लेटर, फर्जी ईमेल आईडी बनाकर लाखों की चपत लगाता था. सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि तेलंगाना, वेस्ट बंगाल, उत्तर प्रदेश में भी इस तरह की वारदात को अंजाम दे चुका है.
डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि चीटिंग के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. उसकी पहचान पंकज कुमार, दीपक अग्रवाल और मनोज कुमार के रूप में हुई है. यह सभी गाजियाबाद, ज्वाला नगर शाहदरा और बागपत, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उसके पास से पुलिस ने कई मोबाइल, फर्जी आधार कार्ड और बैंक अकाउंट बरामद किया है.
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पूछताछ के अनुसार, यह लोग खास करके बस, ऑटोमोबाइल, टू व्हीलर के बड़े डीलर को टारगेट करते थे. क्योंकि उन्हें पता होता था कि इन बड़ी कंपनियों का बैंक में करंट अकाउंट होता है, जिसमें लाखों की रकम हमेशा रहती है. यह उनको मेल करके कोटेशन मंगवाते थे. डिटेल और कैंसिल चेक के साथ. किसी को कहते मुझे इतनी मोटरसाइकिल लेनी है, तो किसी को कहते लग्जरी बस खरीदना है. उनसे कोटेशन मंगवाते, जिसमें कंपनी का लेटर हेड होता, सिग्नेचर होता, डिटेल होता और कैंसिल चेक भी होता. इससे इनको पूरी जानकारी उस कम्पनी के बारे में मिल जाती थी.
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फिर ये उसी कम्पनी के फर्जी मेल बनाकर उस कंपनी का जिस बैंक में अकाउंट होता था वहां यह तुरंत मेल करते. ऑनलाइन अमाउंट ट्रांजेक्शन करने के लिए मैनेजर को ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करवाते थे, जो बैंक मैनेजर आनाकानी करता उसे ये धमकी देकर बैंक अकाउंट बंद करवाने की धमकी देते, जिससे बैंक मैनेजर सकते में आ जाता और इनका ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर देता था. जब अकाउंट से पैसा निकलता तब कंपनी को पता चलता. तब तक यह लोग उस अमाउंट को अलग-अलग स्टेट में निकाल चुके होते थे. इस तरह से उन्होंने काफी चीटिंग की वारदात को अंजाम दिया है. फिलहाल पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.
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