दिल्ली मेट्रो में सफर करना अब और भी सुरक्षित, जानिए क्या होने वाला है बड़ा बदलाव

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Published : May 12, 2022, 7:58 AM IST

सीसीटीवी में होगा बड़ा बदलाव

दिल्ली मेट्रो में सुरक्षा बढ़ाने के मद्देनजर मेट्रो पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मेमोरी को बढ़ाने की मांग की है, जिसे लेकर डीएमआरसी के अधिकारियों ने भी मेट्रो पुलिस को सहयोग करने का भरोसा दिलाया है. बता दें कि मेट्रो में लगे सीसीटीवी फुटेज की मेमोरी बढ़ने के बाद मेट्रो के भीतर होने वाले अपराधों पर कुछ काफी हद तक लगाम लगाई जा सकती है.

नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो के भीतर होने वाले अपराध पर लगाम लगाने के लिए मेट्रो पुलिस और डीएमआरसी मिलकर कई महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं. इसके लिए हाल ही में मेट्रो पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मेमोरी को बढ़ाने की मांग डीएमआरसी के अधिकारियों के समक्ष रखी है. मेट्रो डीसीपी जितेंद्र मणि की माने तो डीएमआरसी ने उन्हें सहयोग का भरोसा दिया है. इस बदलाव के बाद मेट्रो के भीतर होने वाले अपराधों को सुलझाने में पुलिस को काफी मदद मिलेगी.

दिल्ली मेट्रो के डीसीपी जितेंद्र मणि ने बताया कि अभी के समय में किसी भी अपराध को सुलझाने में सीसीटीवी फुटेज सबसे बड़ा मददगार साबित होता है. मेट्रो के भीतर होने वाले अपराधों को सुलझाने में भी पुलिस सीसीटीवी की फुटेज की मदद लेती है. इसकी वजह से उन्हें अपराध को कम करने में काफी मदद भी मिली है. लेकिन कई बार मेट्रो के भीतर होने वाले अपराध की सीसीटीवी फुटेज उन्हें नहीं मिल पाती है. दरअसल मेट्रो ट्रेन के अंदर लगे हुए सीसीटीवी कैमरों की रिकोर्डिंग महज 6 से 8 घंटे तक ही रहती है. कई बार इस अवधि के दौरान पुलिस को अपराध की शिकायत तक नहीं मिली होती. इस अवधि के बाद शिकायत मिलने पर अगर पुलिस फुटेज लेना चाहती है तो यह फुटेज डिलीट हो चुकी होती है. इसकी वजह से पुलिस को सुराग नहीं मिल पाता.

सीसीटीवी में होगा बड़ा बदलाव
उन्होंने बताया कि मेट्रो स्टेशन एवं प्लेटफॉर्म पर भी डीएमआरसी ने जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. इनकी मदद से भी पुलिस ने बड़ी संख्या में अपराध सुलझाए हैं. लेकिन इन सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी लगभग एक सप्ताह तक ही सुरक्षित रहती है. कई बार अपराध में उन्हें इससे पुरानी फुटेज की आवश्यकता होती है लेकिन यह फुटेज उपलब्ध नहीं हो पाती. इस वजह से उस मामले को सुलझाने में पुलिस को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने इस मुद्दे को डीएमआरसी अधिकारियों के समक्ष उठाया है. उन्होंने मेट्रो ट्रेन के भीतर एवं स्टेशन पर लगे हुए सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रखने की मांग की है. उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने इसके लिए उन्हें उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है. डीसीपी जितेंद्र मणि ने बताया कि मेट्रो के भीतर सभी तरह के अपराधों में कमी आई है. इसमें सीसीटीवी का महत्वपूर्ण योगदान है, जिसकी मदद से वह अपराध को सुलझाते हैं. एक तरफ जहां इससे अपराध सुलझते हैं तो वहीं दूसरी तरफ यह फुटेज अपराधी के खिलाफ महत्वपूर्ण साक्ष्य बनते हैं. इस सीसीटीवी फुटेज को पुलिस सबूत के तौर पर अदालत में इस्तेमाल करती है. यह एक इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य होता है जिसको खुद आरोपी भी नहीं नकार सकता. इसलिए उनका प्रयास है कि डीएमआरसी की मदद से अपराध पर लगाम लगाने के लिए सीसीटीवी कैमरों के नेटवर्क को मजबूत बनाया जाए.
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