नई दिल्लीः हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी किया है.
याचिका दिल्ली लीकर सेल्स एसोसिएशन ने दायर की है. एसोसिएशन ने कहा है कि दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में काफी विरोधाभास है. ये नीति दिल्ली आबकारी कानून और संविधान का उल्लंघन है. नई आबकारी नीति गरीब औऱ मध्यम-वर्ग विरोधी है. इस नीति में श्रमिकों और उपभोक्ताओं का भी ख्याल नहीं रखा गया है. इसकी वजह से काफी लोग बेरोजगार हो जाएंगे.
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नई आबकारी नीति के खिलाफ रेडीमेड प्लाजा ने भी याचिका दायर की है. प्लाजा की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वो पिछले 15 सालों से शराब का रिटेल व्यवसाय कर रहे हैं. नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 22 जोन में बांटा गया है. कोई व्यक्ति दो जोन के लिए निविदा भर सकता है. ये नीति उन छोटे व्यापारियों के लिए नुकसानदेह है, जो दिल्ली में पिछले कुछ सालों से लाइसेंस लेकर व्यापार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक जोन के लिए लाइसेंस लेने का न्यूनतम रिजर्व प्राइस 200 करोड़ रुपये है. इससे काफी रिटेल वेंडर्स प्रतियोगिता से बाहर हो जाएंगे.
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बता दें कि पिछले 13 जुलाई को जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने आशियाना टावर्स एंड प्रमोटर्स प्राईवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था. उस याचिका को चीफ जस्टिस की बेंच के समक्ष लिस्ट करने का आदेश दिया था.