नई दिल्लीः दिल्ली बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग (DCPCR) ने दिल्ली पुलिस और जिला प्रशासन के साथ मिलकर पश्चिमी दिल्ली में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया है. यहां पर भीख और कूड़ा बीनते 22 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है. DCPCR की ओर से यह रेस्क्यू ऑपरेशन राजौरी गार्डन से राजा गार्डन रोड, सिटी स्क्वायर मॉल, TDI मॉल, वेस्ट गेट मॉल, टैगोर गार्डन मेट्रो स्टेशन से सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन तक चलाया गया.
रेस्क्यू टीम ने, इन जगहों पर छोटे-छोटे बच्चों को भीख मांगते हुए और कूड़ा बीनते हुए देखा, जिसके बाद 22 बच्चों को इन अलग-अलग जगहों से रेस्क्यू किया गया, जिसमें 9 लड़कियां और 13 लड़के शामिल हैं. DCPCR के सर्वेक्षण के अनुसार, दिल्ली में 70,000 से ज्यादा ऐसे बच्चे हैं, जो कि सड़क पर रहते हैं, ऐसे बच्चे भयानक परिस्थितियों में रहकर बचपन सड़क पर बिताते हैं.
इतना ही नहीं, इनमें से 50 फीसदी से अधिक बच्चे ऐसे हैं, जो किसी न किसी मादक पदार्थ आदि का सेवन करते हैं और 50 फीसदी बच्चों के पास घर, भोजन, पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं, जिसके कारण यह परिस्थितियां उन बच्चों को आर्थिक यौन शोषण गुलामी और तस्करी की ओर धकेल देती हैं. इस रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व राजौरी गार्डन के एसडीएम रंजीत के सिंह, बाल कल्याण समिति-1 की अध्यक्ष मीनू मेहता, दिल्ली पुलिस (पश्चिम जिला), जिला बाल इकाई-4, सिविल डिफेंस फ़ोर्स (पश्चिम जिला), चाइल्ड लाइन (पश्चिम और दक्षिण पश्चिम) DCPCR द्वारा किया गया.
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DCPCR द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, सभी रेस्क्यू किए गए बच्चे नाबालिग हैं, जिनकी उम्र 1 से 15 साल के बीच है. सभी 22 बच्चों की सीडीएमओ की देखरेख में चिकित्सा और कोरोना जांच की गई. इसके बाद बच्चों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के सामने प्रस्तुत किया गया, जहां उनके बेहतर भविष्य शिक्षा को लेकर काम किया जाएगा.