नई दिल्ली : शिक्षा के मामले में बेहतर काम करने वाली दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की शिक्षा नीति पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस के पूर्व विधायक आदर्श शास्त्री ने कहा कि कोविड-19 की वजह से अभिभावक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. इस वजह से दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं. अगर दिल्ली की शिक्षा नीति इतनी ही बेहतर थी तो कोविड के पहले सरकारी स्कूलों में दाखिले क्यों नहीं हुए.
कांग्रेस के पूर्व विधायक आदर्श शास्त्री ने प्रेस वार्ता करते हुए दिल्ली सरकार को निशाने पर लेते हुए उनकी शिक्षा नीति पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान दिल्ली सरकार पूरी तरह से फैल रही रही है. लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. यही कारण है कि उनके पास अपने बच्चों की स्कूल फीस देने के लिए पैसे नहीं हैं. अभिभावक प्राइवेट स्कूल से बच्चों का नाम कटा कर सरकारी स्कूलों में भेज रहे हैं. दिल्ली सरकार के स्कूल हों या एमसीडी के, सभी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ी है.
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उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में 45 फीसदी शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं. केवल 196 स्कूलों में ही प्रिंसिपल हैं. बाकी स्कूलों में प्रिंसिपल तक की भर्ती नहीं की गई है. दिल्ली के गरीब लोगों को तरह-तरह के लालच देकर उनके बच्चों को स्कूलों में भर्ती करवाया जा रहा है. राजधानी दिल्ली में स्कूल खोले जाने के बाद ही अभिभावकों में बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर डर बना हुआ है. दिल्ली सरकार ने जो तमाम दावे किए हैं उन पर अभिभावकों को विश्वास नहीं है.