नई दिल्ली: विधानसभा में पेश नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में रेवेन्यू सरप्लस होने की बात से दिल्ली सरकार गदगद है, तो वहीं कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में सरप्लस बजट का झूठा भ्रम फैला रहे है. सीएजी रिपोर्ट में ही बताया गया है कि दिल्ली सरकार 38,155 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी हुई है. सरकार का बजट सरप्लस है तो फिर करोड़ों के कर्ज को क्यों नहीं चुकता किया गया. कांग्रेस ने सीएजी रिपोर्ट आने के बाद केजरीवाल सरकार को घेरा है.
दिल्ली सरकार के 31 मार्च 2020 तक की वित्तीय रिपोर्ट का सारांश बताता है कि इसमें बताने की जगह छिपाने का काम ज्यादा किया गया है. स्टेट फाईनेंस ऑडिट पहल रिपोर्ट में यह उजागर करती है कि बड़े-बड़े दावे करने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार वर्ष 2019-20 में 64,180.68 करोड़ के बजट का 19.74 प्रतिशत 12,670.65 करोड़ खर्च ही नही कर पाई. जिसकी 74.03 प्रतिशत राशि 9,380.69 करोड़ रुपये खर्च नही करने के कारण सरेंडर कर दिया और 3289.96 करोड़ का बजट समर्पण न करने के कारण लैप्स हो गया.
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उन्होंने ने कहा कि रिवेन्यू, इकॉनोमिक्स, सोशल, जनरल सेक्टर और पीएसयू से संबधित सीएजी की दूसरी रिपोर्ट में व्यापार, कर विभाग, राजस्व विभाग तथा परिवहन विभाग की 60 ईकाईयों का वर्ष 2018-19 तक 394 मामलों में 521.61 करोड़ रुपये की अनियमितताएं पाई गई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि इतनी बड़ी राशि कहां गई, भ्रष्टाचार करके किसने खाई, इसकी जांच होनी चाहिए.
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल झूठे बयान दे रहे है कि डीटीसी प्रोफिट में है जबकि 2014-15 से 2018-19 के दौरान सीएजी रिपोर्ट में केजरीवाल के झूठ को उजागर करते हुए बताया है कि डीटीसी का घाटा 4329.41 करोड़ तक पहुच गया था, जो वर्तमान में एक अनुमान के अनुसार 7000-8000 करोड़ तक पहुच गया है, जिसको मुख्यमंत्री लगातार छिपाने का काम कर रहे है.Conclusion: रेवेन्यू, इकॉनोमिक्स, सोशल, जनरल सेक्टर और नान-पीएसयू से संबधित सीएजी की 31.3.2018 तक की तीसरी रिपोर्ट पर कहा कि दिल्ली सरकार अनाधिकृत कॉलोनियों में पेयजल आपूर्ति और सीवरेज उपलब्ध कराने के बड़े-बड़े वायदे शुरु से ही करते आए है जबकि न तो दिल्ली में पेयजल की उचित सुविधा है न ही इन कॉलोनियां में सीवरेज सुविधा है.