नई दिल्लीः दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग थाने में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई एवं इससे जुड़े सात संगठनों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और दो समुदायों में वैमनस्य उत्पन्न करने की धारा के तहत गुरुवार को मुकदमा दर्ज किया गया. इस मामले की जांच एसीपी बदरपुर को सौंपी गई है. भारत सरकार ने पीएफआई पर 27 सितम्बर को पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया था. प्रतिबंध लगने के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा इस संगठन के खिलाफ दर्ज यह पहली एफआईआर है. (Case filed against PFI in Shaheen bagh)
एफआईआर में दर्ज जानकारी के अनुसार शाहीन बाग थाने में तैनात इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है. इसमें कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने के बाद ही दिल्ली पुलिस आयुक्त द्वारा गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी हुआ था. इसमें घोषित किया गया था कि शाहीन बाग, अबुल फजल इंक्लेव और जामिया नगर के तीन पतों पर पीएफआई (Popular Front of India) एवं इसके सात आनुषांगिक संगठनों द्वारा देश विरोधी गतिविधियां संचालित होती हैं.
इस प्रतिबंध के बाद भी पुलिस को सूचना मिली थी कि पीएफआई एवं इसके आनुषांगिक संगठन के सदस्य अभी भी गैर कानूनी एवं देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त है. वे इस प्रतिबंधित पतों का इस्तेमाल अपने खतरनाक मंसूबों को को पूरा करने के लिए कर रहे हैं. संगठन के सदस्य जनभावनाएं भड़काने कर देश की सम्प्रभुता एवं अखंडता को नुकसान पहुंचाने की तैयारी में हैं. इसके लिए संगठन के लोग किसी धार्मिक स्थल पर हमला करने की भी तैयारी कर रहे हैं.
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जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए शाहीन बाग थाने में यूएपीए, दंगा भड़काने एवं षडयंत्र रचने की धारा में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. साथ ही प्रतिबंध लगने के बाद से तीनों पतों पर मौजूद कार्यालयों के आसपास की गतिविधियों की जानकारी लेने के लिए सीडीआर एवं सीसीटीवी कैमरे की फुटेज लेकर जांच की जा रही है. वहीं, इससे पहले एनआईए द्वारा शाहीन बाग एवं जामिया नगर में छापेमारी के दौरान स्थानीय पुलिस ने 53 लोगों को शांति भंग की धारा में गिरफ्तार किया था.