नंद नगरी हादसाः सर्वे के नाम पर होती है खानापूर्ति, आखिर घटना का जिम्मेदार कौन?

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Published : Aug 7, 2021, 10:53 PM IST

नंद नगरी में इमारत गिरी

नंदनगरी इलाके में, उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक इमारत बारिश के बाद जमींदोज हो गई. इस बीच ये सवाल उठ रहा है कि आखिर इस हादसे का जिम्मेदार कौन है?

नई दिल्ली: नंदनगरी इलाके में, उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक इमारत बारिश के बाद जमींदोज हो गई. घटना में इमारत में रहने वाले तीन लोग घायल हुए हैं. जबकि, सड़क से गुजर रहे एक व्यक्ति की मौत हुई है. घायलों का इलाज चल रहा है और दोषियों पर कार्रवाई की बात की जा रही है, लेकिन इस बीच ये सवाल उठ रहा है कि आखिर इस हादसे का जिम्मेदार कौन है?


ईस्ट MCD के इलाके में पड़ने वाली, इस इमारत के ढहने के बाद कमिश्नर ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा जताया है. उन्होंने कहा है कि एक दिन पहले ही बैठक में खतरनाक इमारतों को चिह्नित करने और जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे. क्या इतना कह देना काफी है? उन दावों के क्या हुआ, जो हर साल की तरह इस बार भी मानसून से पहले किए गए थे.

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हर साल बारिश के चलते दिल्ली के किसी न किसी इलाके से इमारत गिरने की खबर आती है. गत वर्ष दिल्ली के आईटीओ के पास बने अन्ना नगर इलाके में कई मकान ढह गए थे. साल 2019 में, दिल्ली के सीलमपुर इलाके में बारिश के चलते कमज़ोर हुई, एक बिल्डिंग ढह गई थी. इससे पहले द्वारका के ककरौला इलाके में बारिश के चलते एक मकान की छत गिरने से एक परिवार के कई लोगों की मौत हो गई थी.



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नगर निगम, हर साल मानसून से पहले खतरनाक इमारतों का सर्वे करती हैं और अमूमन यह देखने में आया है कि या तो एक भी इमारत खतरनाक नहीं होती या खतरनाक इमारतों को रिपेयरेबल बताकर छोड़ दिया जाता है. गौर करने वाली बात यह है कि जिन इमारतों का सर्वे होता है, उसमें दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में बनी इमारतें शामिल नहीं होती हैं. ऐसे में अधिकतर घटनाओं में नगर निगम अधिकारी यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं कि यह अनाधिकृत कॉलोनी या घर था.

सर्वे के मामले में अक्सर विपक्षी पार्टियां निगम की सत्तारूढ़ पार्टी पर लापरवाही का आरोप लगाती हैं. मसलन 22 जून 2020 तक साउथ एमसीडी ने अपने इलाके में आने वाली कुल 12 लाख 35 हज़ार इमारतों में सिर्फ 57 हजार का सर्वे पूरा किया था. इसमें भी किसी इमारत को खतरनाक नहीं बताया गया था. नॉर्थ एमसीडी ने अपने इलाके में आने वाली इमारतों में खतरनाक इमारते बताई थी, तो कहा कि इन्हें सुधारा जा सकता है. उधर पूर्वी दिल्ली ने इस संबंध में कोई जिनके साझा ही नहीं की.


इस साल भी तीनों नगर निगमों ने अपने इलाकों में खतरनाक इमारतों का सर्वे किया था. ईस्ट एमसीडी के इलाके में लगभग 2 लाख इमारतें इस सर्वे के अधीन थीं. बताया गया कि इलाके में गिरी यह इमारत 22 गज की ढाई मंजिल इमारत थी. इस इमारत का मालिक, इसके नीचे से पिलर हटा रहा था, जिसकी वजह से इमारत गिरी, लेकिन क्या पुरानी इमारत के कंस्ट्रक्शन संबंधी काम में मालिक को दोषी बताकर अपनी जिम्मेदारी से भाग लेना ठीक है!

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