नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी के बीच बिजली की पावर सप्लाई को लेकर मामला पूरी तरीके से गरमा चुका है. सत्येंद्र जैन के द्वारा कोयले की कमी को लेकर केंद्र सरकार को बकायदा पत्र लिखकर ना सिर्फ जानकारी दी गई है, बल्कि सहायता भी मांगी गई है. दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भी स्पष्ट तौर पर कहा है कि राजधानी दिल्ली में बिजली की कमी होना दिल्ली सरकार के कुप्रबंधन का कारण है, जिससे लोगों को आज बिजली के संकट का सामना करना पड़ रहा है.
दिल्ली सरकार कोयले की कमी का बहाना कर अपनी कमियों को छिपाने का काम रही है जो सरासर गलत है. दिल्ली सरकार द्वारा लिखे गए पत्र में पावर प्लांट में कोयले की कमी की बात की गई है. जबकि, रेल मंत्रालय द्वारा पहले ही कोई लेकर भलाई के लिए 415 ट्रेनें उपलब्ध कराई जा रही है, जिसमें प्रत्येक में लगभग 3500 टन कोयला ले जाया जा सकता है. पूरे मामले पर दिल्ली सरकार के द्वारा भ्रम फैलाकर केंद्र के ऊपर खड़ा करने की कोशिश की जा रही है जो गलत है.
भलस्वा लैंडफिल साइट पर दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष राजीव बब्बर ने बातचीत के दौरान कहा किसरकार के द्वारा हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं. सवाल ये उठता है कि इस गंभीर समस्या को लेकर दिल्ली सरकार के द्वारा क्या कुछ किया जा रहा है. नॉर्थ एमसीडी के ऊपर दिल्ली सरकार के द्वारा ₹50 लाख का जुर्माना लगाया गया है. क्या सिर्फ यही भूमिका दिल्ली सरकार की है. क्या दिल्ली सरकार को निगम के साथ मिलकर इस समस्या के समाधान के मद्देनजर काम नहीं करना चाहिए.
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