केजरीवाल सरकार के खिलाफ बीजेपी का पोल खोल अभियान, जानें क्या है रणनीति

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Published : May 11, 2022, 10:40 PM IST

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दिल्ली में आप और बीजेपी के बीच जंग की शुरुआत हो गई है. दिल्ली बीजेपी ने तालकटोरा स्टेडियम में अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार के खिलाफ पोल खोल अभियान की घोषणा की है. 15 मई से लेकर 30 मई तक पोल खोल अभियान बीजेपी की तरफ से चलाया जाएगा.

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों सियासी माहौल पूरी तरीके से गरमाया हुआ है. इसके पीछे एक बड़ी वजह राजधानी दिल्ली में अतिक्रमण के खिलाफ निगम द्वारा लगातार की जा रही कार्रवाई भी है. जिसमें बुलडोजर का प्रयोग भी किया जा रहा है. इस पूरे मामले ने राजधानी दिल्ली में राजनीतिक विवाद का रूप भी ले लिया है. इस बीच आज राजधानी दिल्ली में बीजेपी के प्रदेश इकाई ने तालकटोरा स्टेडियम में एक कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें दिल्ली बीजेपी के लगभग 5000 से ज्यादा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने शिरकत की.

तालकटोरा स्टेडियम में आयोजिय कार्यक्रम को दिल्ली बीजेपी ने पोल खोल अभियान की संज्ञा दी. इस कार्यक्रम में दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, दिल्ली प्रभारी बैजयंत जय पांडा, राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे रामबीर सिंह बिधूड़ी, विजय गोयल सांसद प्रवेश वर्मा, रमेश बिधुड़ी, हंसराज हंस समेत दिल्ली के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

तालकटोरा स्टेडियम में भाजपा का कार्यक्रम

दिल्ली भाजपा ने तालकटोरा स्टेडियम में अपना शक्ति प्रदर्शन करते हुए केजरीवाल सरकार के खिलाफ पोल खोल अभियान की शुरुआत की है. यह पोल खोल अभियान 15 मई से 30 मई तक चलाया जाएगा. इस अभियान के तहत दिल्ली भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता राजधानी दिल्ली में घर-घर जाकर अरविंद केजरीवाल की जन विरोधी नीतियों के बारे में बताएगा. साथ ही संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने का काम भी करेगा. इस पोल खोल अभियान के तहत भाजपा ने 25 लाख परिवारों तक अपनी बात पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

आदेश गुप्ता ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि देश की राजधानी दिल्ली के लिए दुर्भाग्य की बात है कि यहां पर एक ऐसा मुख्यमंत्री बैठा है जो देश की सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़े करता है. विधानसभा में बैठकर कश्मीरी पंडितों के साथ 90 के दशक में हुई बर्बरता को लेकर उनका मजाक उड़ाता है. पिछले 7 सालों में जब भी राजधानी दिल्ली के अंदर हालात नाजुक हैं तब अरविंद केजरीवाल के द्वारा केंद्र सरकार को उसका जिम्मेदार ठहराया गया और केंद्र सरकार से मदद मांगी गई है. अगर केंद्र राजधानी दिल्ली को नाजुक मौकों पर नहीं संभालती तो हालात और भी ज्यादा भयावह हो सकते थे. दिल्ली में गंदगी दिखे तो एमसीडी को लगातार जिम्मेदार ठहराया जाता है. जबकि डीटीसी की जलती बसें, लोगों को मिल रहा पीने का गंदा पानी, दिल्ली में यमुना प्रदूषण, 2021 में हुए दंगे, राम नवमी के अवसर पर हुए दंगे आम आदमी पार्टी के बदहाल मोहल्ला क्लीनिक, गली-गली शराब की दुकानें खोला जाना इन सभी नीतियों को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास जनता के द्वारा पूछे जा रहे सवालों का कोई भी जवाब नहीं है. अरविंद केजरीवाल जो लगातार हर मंच पर अपने स्वास्थ्य मॉडल का ढोल पीटते और मोहल्ला क्लीनिक को विश्वस्तरीय बताते है. उनके मोहल्ला क्लीनिक का मॉडल दिल्ली में पूरी तरीके से फेल हो गया है. कोरोना में आम आदमी मोहल्ला क्लिनिक में कोरोना का न तो कोई टेस्ट हो सका और न ही लोगों को किसी प्रकार की कोई सहायता इन मोहल्ला क्लीनिक से मिल सकी. ऐसे में इस तरह के मोहल्ला क्लीनिक का क्या फायदा.

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तालकटोरा स्टेडियम में भाजपा का कार्यक्रम
आदेश गुप्ता ने कहा कि चुनाव के समय हर घर तक पानी पहुंचाने का वादा करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज हर घर तक शराब पहुंचा रहे हैं. 57,000 करोड रुपये का कर्जा दिल्ली सरकार के जल बोर्ड पर हो चुका है. जिसे खुद दिल्ली सरकार ने दिया है. लेकिन आज तक एक भी पैसे का कोई हिसाब जल बोर्ड के द्वारा नहीं दिया गया. केंद्र सरकार द्वारा दिए गए राशन को दिल्ली की सरकार के द्वारा ब्लैक में बेचने का काम किया जा रहा है. रोजगार को लेकर लगातार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा हर एक मंच पर झूठ बोला जाता रहा है. अरविंद केजरीवाल जब भी सार्वजनिक मंच पर होते हैं तो कहते हैं कि हमने इतने लाख लोगों को रोजगार दिया. लेकिन जब आरटीआई डाली गई तो हकीकत पता चला कि सिर्फ 440 लोगों को दिल्ली सरकार ने रोजगार दिया. अरविंद केजरीवाल कितने बड़े झूठे हैं. यह कहा नहीं जा सकता.

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदूषण के नाम पर अरविंद केजरीवाल पूरी तरह से फेल हो गई है. दिल्ली की अंदर प्रदूषण को लेकर पराली को जिम्मेदार ठहराया जाता है. लेकिन इसी पराली की समस्या के समाधान को लेकर तमाम तरह के ढोल अरविंद केजरीवाल के द्वारा पीटे गए 22 करोड़ रुपये से इसका प्रचार भी किया, लेकिन उसके बावजूद भी पराली की समस्या का समाधान नहीं हुआ. वायु प्रदूषण हो या यमुना नदी में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण, अरविंद केजरीवाल अपने किए वादे को पूरा करने में सफल नहीं हुए हैं. दिल्ली की परिवहन व्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. जबकि दिल्ली के अंदर लोगों को किसी भी तरह की बेहतर सुविधाएं दिल्ली सरकार के द्वारा मुहैया नहीं कराई जा रही है. शिक्षा का मॉडल जिसको लेकर दिल्ली सरकार के द्वारा लगातार ढोल पीटे जाते रहे हैं और हर मंच के ऊपर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ओर मुख्यमंत्रियों शिक्षा मॉडल को लेकर अपनी तारीफ करते नहीं थकते. दिल्ली में कुछ गिने-चुने स्कूलों को छोड़ दी जाए तो बाकी सरकारी स्कूलों की हालत बद से बदतर हो चुकी हैं. बच्चे टीन शेड में पढ़ने के लिए मजबूर है.

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