नई दिल्लीः दिल्ली में तैयार हो रहे सात बायोडायवर्सिटी पार्क में चल रहे कार्य की समीक्षा के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल ने बुधवार को एक बैठक की. बैठक में डीडीए के उपाध्यक्ष, पर्यावरण विशेषज्ञ प्रोफेसर सीआर बाबू एवं अन्य अधिकारी शामिल हुए. बैठक में उपराज्यपाल ने इन पार्कों को विकसित करने के साथ उनके मेंटेनेंस पर भी जोर दिया.
जानकारी के अनुसार दिल्ली में डीडीए द्वारा सात बायोडायवर्सिटी पार्क बनाये गए हैं. लगभग 3000 एकड़ में फैले हुए यह पार्क शहरी पर्यावरण स्थिरता और लचीलेपन के मॉडल हैं. यह देश में अपनी तरह के पहले पार्कों में से एक हैं. दिल्ली में बनाए जा रहे सात बायोडायवर्सिटी पार्कों का नेटवर्क पारिस्थितिक रूप से टिकाऊ जैविक समुदायों में औषधीय पौधों सहित वन्यजीवों की विविधता को आश्रय देता है. यह शहरी समाज को कार्बन सीक्वेस्ट्रेशन, ऑक्सीजनेशन, भूजल वृत्तियों के पुनर्भरण, किफायती शैक्षिक और मनोरंजन लाभ सहित कई पारिस्थितिक सेवाएं प्रदान करता है.
इन पार्कों की स्थापना में पिछले 20 वर्षों में किए गए प्रयासों और उपलब्धियों की उपराज्यपाल ने सराहना की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पार्कों का रखरखाव और निरंतरता एक बार के कार्य की बजाय एक सतत प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए कि आसपास की मानव बस्ती का कोई पारस्परिक उल्लंघन ना हो और पार्कों में वनस्पतियों, जीवों और मानव वन्य जीवन संघर्ष को किसी कीमत पर टाला जाए. उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि भविष्य में इसकी बाउंड्री क्षेत्रों में कोई अतिक्रमण ना हो.