नई दिल्ली : किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार पिछले कई सालों से दिल्ली सरकार से दिल्ली के किसानों को कृषि दर्जा और कृषि यंत्रों पर सब्सिडी देने की मांग कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर किसानों ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना दिया. किसानों ने कहा कि दिल्ली के किसानों की हालत बहुत ही खराब है. किसान अब सरकार की ओर मदद की उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है.
मुख्यमंत्री दिल्ली के किसानों पर रहम नहीं कर रहे हैं. जिसकी वजह से किसान यूनियन के बैनर तले सैकड़ों की तादाद में किसान मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे.
भारतीय किसान मोर्चा के अध्यक्ष विनोद सहरावत ने बताया कि भानु किसान यूनियन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास पर धरना दिया. यह समस्या दिल्ली के किसी एक गांव की नहीं है. बल्कि दिल्ली के 365 गांवों के किसानों की है. किसानों को बिजली कनेक्शन नहीं मिल रहे हैं. किसानों को ट्रैक्टर पर सब्सिडी नहीं मिल रही है. आज भी दिल्ली में किसानों को कृषि उत्पादों (खाद बीज) पर किसी प्रकार की छूट नहीं है.
किसान यूनियन के पदाधिकारी संजय राघव ने बताया कि दिल्ली किसान यूनियन की ओर से कई बार मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जा चुका है. किसानों को इलाज कराने के लिए किसी प्रकार की सुविधा नहीं है. दिल्ली के किसानों को किसान का दर्जा प्राप्त नहीं है.
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दिल्ली में किसानों की जमीन का कोई सर्कल रेट कई सालों से नहीं बढ़ा है, जबकि गोरखपुर जैसे इलाके में किसानों की जमीन का सर्कल रेट आठ करोड़ रुपए प्रति एकड़ है. दिल्ली में किसानों की जमीन का सर्कल रेट सत्तर लाख रुपय प्रति एकड़ है.