नई दिल्ली: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने 16 जनवरी, 2020 को परिसर में आयोजित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) में दिए गए एक भाषण के लिए उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह (sedition case) के मामले में शरजील इमाम को जमानत दे दी. इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) के न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह ने जमानत दी.
पिछले महीने, दिल्ली की एक अदालत (delhi court) ने इमाम को उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह (sedition case) के मामले में उनके दिसंबर 2019 में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिए गए भाषण के संबंध में जमानत देने से इनकार कर दिया था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुज अग्रवाल ने कहा कि 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय (Jamia Millia Islamia university) में इमाम द्वारा दिया गया भाषण स्पष्ट रूप से सांप्रदायिक / विभाजनकारी तर्ज पर था और समाज में शांति और सद्भाव को प्रभावित कर सकता है.
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कोर्ट ने कहा, "13.12.2019 के भाषण को सरसरी तौर पर पढ़ने से पता चलता है कि यह स्पष्ट रूप से सांप्रदायिक/विभाजनकारी तर्ज पर है. मेरे दृष्टीकोण से, आग लगाने वाले भाषण के स्वर और स्वर का सार्वजनिक शांति, समाज की शांति पर दुर्बल करने वाला प्रभाव पड़ता है."