नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में शराब की बिक्री को लेकर एक्साइज पॉलिसी (Excise Policy) के मामले पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. शनिवार को मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली के उपराज्यपाल पर एक्साइज पॉलिसी के मद्देनजर लिए गए निर्णय पर सवाल उठाए हैं. साथ ही बीजेपी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. अब दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ( (Adesh Gupta) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि एक्साइज पॉलिसी के मामले में एलजी ने अपने दायरे में रहते हुए संविधान के नियमों का पालन करते हुए सभी फैसले लिए हैं. कोरोना काल में एक तरफ जब लोगों को मदद की जरूरत थी उस समय दिल्ली के मुख्यमंत्री मजदूर वर्ग के लोगों को दिल्ली से बाहर जाने का रास्ता दिखा रहे थे. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरफ से शराब कारोबारियों का 144 करोड़ रुपए माफ कर उन्हें राहत दी गई.
वहीं, संबित पात्रा ने कहा कि आप पार्टी का काम है बिना तथ्यो के आरोप लगाना. डिप्टी सीएम ने आरोप लगाए है कि एलजी ने नई एक्साइज पॉलिसी के लागू होने में रोड़े अटकाए हैं वह बिलकुल झूठ है. दिल्ली के मास्टर प्लान के अंतर्गत ये स्पष्ट है कि शराब दुकान कहां खुल सकती है और कहा नहीं. लेकिन फिर भी नियमों को ताक पर रख कर रेजिडेंशियल एरिया, स्कूलों और मंदिरों के पास शराब की दुकानें नियमों का उल्लघंन कर खोली गई है.दिल्ली के एलजी ने संविधान के तहत काम किया है.
इससे पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा था कि उपराज्यपाल की मंजूरी से ही नई नीति बनाई गई थी. सरकार ने उनके सुझाव माने थे. मई 2021 में लागू हुई नई आबकारी नीति (New Excise Policy) से पुराने दुकानदारों को लाभ होता.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब दुकानों को खोलने की फाइल LG के पास गई तो एकाएक स्टैंड बदल दिया गया. LG ने 2 बार पढ़कर नई नीति को मंजूरी दी थी. उन्होंने कहा कि नई आबकारी नीति को रोककर कुछ ताकतवर लोगों ने कैसे कुछ दुकानदारों को फायदा पहुंचाया है यह हमने CBI को भी बताया है.
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उपराज्यपाल ऑफिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की CBI जांच की सिफारिश की गई है. LG ऑफिस में फैसला बदलने के कारण कुछ दुकानदारों को करोड़ों रुपए का फायदा हुआ और सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है. किसके दबाव से फैसला बदला गया, इसकी CBI जांच हो.
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