नई दिल्ली : एमसीडी चुनाव को लेकर परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अलग-अलग विधानसभा इलाके में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच एक नई बहस शुरू हो गई है. हरि नगर विधानसभा की बात करें यहां तीन वार्ड है, लेकिन वार्ड में इलाके और कॉलोनी के बंटवारे को लेकर आम आदमी पार्टी बीजेपी पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. जबकि बीजेपी इसे चुनाव आयोग का मसला बता कर सही करार दे रही है.
यहां सुभाष नगर, फतेहनगर और हरी नगर वारेड है. इसके परिसीमन पर उठ रहे विवाद को लेकर बीजेपी नेता गगन साहनी का कहना है कि परिसीमन जनता की बेहतरी के हिसाब से हुआ है. इसमें सभी पार्टियों को बुलाया गया था. सबकी राय लेकर ही इसे तय किया गया है.
उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी को तो बस विवाद का बहाना चाहिए, लेकिन अब दिल्ली के लोग पिछले दो महीने से आम आदमी पार्टी सरकार का चेहरा और चरित्र देख रहे हैं. बीजेपी नेता इस बात से इंकार कर रही है कि परिसीमन में बीजेपी का कोई हस्तक्षेप है.
वहीं, परिसीमन को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल का कहना है कि परिसीमन के बाद सुभाष नगर वार्ड से तिहार गांव का हिस्सा कट गया है. इसका सीधा सीधा फायदा बीजेपी प्रत्याशी को होगा. उनका कहना है इसे परिसीमन को दोबारा करने की कोई जरूरत नहीं थी. इस बार जो परिसीमन किया गया वह सोची-समझी एक रणनीति थी. आप नेता का दावा है कि भले ही कॉलोनी और इलाके को एक वार्ड से दूसरे वार्ड में कर दिया गया हो लेकिन जीत आम आदमी पार्टी की होगी.
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स्थानीय निवासी का कहना है कि परिसीमन में एक परेशानी यह है कि एक वार्ड में मतदाताओं की संख्या कहीं अधिक है जबकि दूसरे वार्ड में काफी कम है. इससे विकास कार्य पर काफी फर्क पड़ेगा. इसके पीछे उनका तर्क है कि एमसीडी की तरफ से जो विकास कार्य के लिए फंड आते हैं. वह प्रत्येक वार्ड का होता है न कि उस वार्ड में जनसंख्या के आधार पर. इस नए परिसीमन के बाद से विकास कार्यों पर निश्चित तौर पर फर्क पड़ेगा.
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