नर्मदा परियोजना: सुप्रीम कोर्ट में विस्थापितों का मुआवजा बढ़ाने की मांग करने वाली याचिका खारिज

author img

By

Published : Sep 23, 2022, 12:11 PM IST

SC dismisses plea seeking modification of order on compensation to oustees of Narmada river project

सुप्रीम कोर्ट ने सरदार सरोवर परियोजना के एक विस्थापित की ओर से दायर एक याचिका को खारिज कर दी है. याचिका में अपनी खोई हुई जमीन के अनुपात में मुआवजा बढ़ाने की मांग की गई थी.

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सरदार सरोवर परियोजना के एक विस्थापित द्वारा दायर वह याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी, जिसमें उसने अपनी खोई हुई जमीन के अनुपात में मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी. शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए प्रति परिवार 60 लाख रुपये की सीमा तय की थी.

यह अनुच्छेद शीर्ष अदालत को उसके समक्ष लंबित किसी मामले में ‘सम्पूर्ण न्याय’ दिलाने के लिए जरूरी आदेश पारित करने का अधिकार देता है. न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ इस परियोजना के कारण विस्थापित उस महिला की ओर से दायर याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसकी 4.293 हेक्टेयर जमीन चली गयी थी.

महिला की ओर से पेश अधिवक्ता संजय पारिख ने कहा कि नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण के अनुसार, आवेदक का हक 4.293 हेक्टेयर भूमि का होना चाहिए था. उन्होंने दलील दी कि न्यायाधिकरण का आदेश बाध्यकारी है और इसका निष्पादन किया जाना चाहिए. पारिख ने दलील दी कि शीर्ष अदालत के आदेश को ठीक से पढ़ने से पता चलता है कि मुआवजा 30 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर आंका जाना चाहिए और इसका वास्तविक मुआवजा 1.28 करोड़ रुपये होगा, जबकि उसे केवल 60 लाख रुपये मिले हैं.

पीठ ने कहा कि अंतिम निपटारा पैकेज के तौर पर प्रत्येक परिवार को 60 लाख रुपये देने का निर्णय लिया जा चुका है, ऐसे में इसमें संशोधन नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह इस न्यायालय के पूर्व के आदेश पर व्यापक पुनर्विचार की तरह होगा. पीठ ने कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत इस न्यायालय द्वारा जारी निर्देश इस आवेदन में स्पष्टीकरण या संशोधन की दृष्टि से अतिसंवेदनशील नहीं हैं. हम इस अर्जी में कोई दम नहीं पाते हैं, तदनुसार, अर्जी खारिज की जाती है.'

केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि वर्ष 2017 का आदेश अनुच्छेद 142 के तहत पारित किया गया था और एक संशोधन या स्पष्टीकरण आदेश पारित नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह अदालत के फैसले पर व्यापक पुनर्विचार की तरह होगा. शीर्ष अदालत ने आठ फरवरी, 2017 को मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर परियोजना (एसएसपी) के विस्थापितों के लिए मौद्रिक मुआवजे के तौर पर प्रत्येक परिवार के लिए 60 लाख रुपये का आदेश दिया था, जिनके विस्थापित होने की संभावना है.

ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार नविका कुमार के खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकियां दिल्ली पुलिस को स्थानांतरित कीं

ऐसे 681 परिवारों की शिकायतों को दूर करने के लिए कई दिशा-निर्देश पारित करते हुए शीर्ष अदालत ने दो हेक्टेयर भूमि के लिए प्रति परिवार 60 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था, जिसमें उनसे एक वचन लिया गया था कि वे एक महीने के भीतर जमीन खाली कर देंगे, ऐसा नहीं करने पर अधिकारियों को उन्हें जबरन बेदखल करने का अधिकार होगा. इससे पहले, नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) ने शीर्ष अदालत को बताया था कि अकेले मध्य प्रदेश में 192 गांव और एक बस्ती प्रभावित होगी और लगभग 45,000 प्रभावित लोगों का पुनर्वास किया जाना बाकी है. एनबीए ने कहा था कि हजारों आदिवासियों और किसानों सहित सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापित कई वर्षों से भूमि आधारित पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.