न्यायालय ने ओसीआई अभ्यर्थियों को नीट काउंसलिंग में अनारक्षित श्रेणी में हिस्सा लेने की अनुमति दी

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Published : Nov 12, 2021, 7:48 PM IST

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अब भारत के सभी पात्र प्रवासी नागरिकों (ओसीआई) उम्मीदवारों को स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए सामान्य श्रेणी में नीट काउंसलिंग में भाग ले सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इसकी अनुमति प्रदान कर दी है.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने भारत के सभी पात्र प्रवासी नागरिकों (ओसीआई) उम्मीदवारों को स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए सामान्य श्रेणी में नीट काउंसलिंग में भाग लेने की सोमवार को अनुमति प्रदान कर दी.

हालांकि, न्यायमूर्ति एस ए नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने स्पष्ट किया कि यह अंतरिम राहत अकादमिक सत्र 2021-2022 मात्र के लिए सीमित है.

पीठ ने कहा, आवेदकों और अन्य सभी पात्र उम्मीदवारों को, जिनकी स्थिति समान है, को मान्यता प्राप्त / मान्यता प्राप्त मेडिकल / डेंटल और अन्य कॉलेजों/ संस्थानों में एमबीबीएस/ बीडीएस पाठ्यक्रमों और अन्य स्नातक / स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए भारतीय नागरिकों के समान सामान्य काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति है.

पीठ ने कहा, यह स्पष्ट किया जाता है कि यह अंतरिम राहत शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 तक ही सीमित है.

शीर्ष अदालत ने मामले को अगली सुनवाई के लिए जनवरी 2022 के दूसरे हफ्ते में सूचीबद्ध किया है.

शीर्ष अदालत ने ओसीआई उम्मीदवारों की याचिका पर यह आदेश पारित किया. इस याचिका में गृह मंत्रालय की उस अधिसूचना को चुनौती दी गई थी कि जिसमे कहा गया था कि एनईईटी में प्रवेश के लिए उन्हें अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के समान माना जाए.

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न्यायालय ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी और काउंसलिंग अधिकारी इस आदेश को लागू करने के लिए बाध्य हैं.

सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से अनुरोध किया कि वह यह राहत केवल उन याचिकाकर्ताओं तक सीमित करे जिन्होंने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है.

हालांकि, पीठ ने कहा कि उसने यह राहत केवल अकादमिक वर्ष 2021-22 के लिए दी है. पीठ ने कहा कि अंतरिम आदेश देने से पहले हमने इस मामले पर विस्तार से सुनवाई की है. ऐसा सिर्फ अचानक ही अधिसूचना आने की वजह से किया गया. अगर आपने आठ- नौ महीने पहले अधिसूचना जारी की होती तो हमने ऐसा आदेश पारित नहीं किया होता.

(पीटीआई-भाषा)

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