Farmers Protest: कोर कमेटी की बैठक खत्म, नहीं पहुंचे राकेश टिकैत, SKM की मीटिंग जारी
Updated on: Nov 27, 2021, 1:24 PM IST

Farmers Protest: कोर कमेटी की बैठक खत्म, नहीं पहुंचे राकेश टिकैत, SKM की मीटिंग जारी
Updated on: Nov 27, 2021, 1:24 PM IST
किसान आंदोलन (kisan andolan)के एक साल पूरे हो गये हैं. तीनों कृषि कानूनों काे वापस लिये जाने के बाद भी किसान अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) समेत अन्य मांगों पर टिके हैं. इसी सिलसिले में शनिवार का दिन महत्वपूर्ण है.
नई दिल्ली/गाजियाबाद: किसान आंदोलन के लिए आज यानी शनिवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण है. सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) की बैठक जारी है.
राकेश टिकैत सिंघु बॉर्डर पर होने वाली मीटिंग में शामिल नहीं हुए. (Rakesh Tikait will not attend meeting on Singhu border), क्योंकि वे अमृतसर के कार्यक्रम में शामिल होने गए हैं. गाजीपुर बॉर्डर से किसान नेता युद्धवीर बतौर प्रतिनिधि सिंघु बॉर्डर की मीटिंग में (Yudhveer Singhu will attend meeting) शामिल होंगे. किसान नेताओं का कहना है कि, सिंघु बॉर्डर पर होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में होने वाले निर्णय का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन (State President of Bhartiya Kisan Union Rajveer Singh Jadoun)ने बताया कि यह मीटिंग बहुत अहम है. उन्होंने कहा कि वह खुद भी इस मीटिंग में जा सकते हैं, हालांकि उनका जाना अभी तय नहीं हुआ है. किसान नेता युद्धवीर इस मीटिंग में पहुंचेंगे. मीटिंग में एमएसपी पर गारंटी कानून की मांग का मुद्दा अहम रहेगा. राकेश टिकैत पहले ही बता चुके हैं, कि जब तक एमएसपी नहीं तब तक आंदोलन पहले की तरह चलता रहेगा.
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मीटिंग में इस बात पर भी चर्चा होगी कि सरकार से अगर बातचीत होती है, तो क्या बातें रखी जाएंगी. बताया जा रहा है कि मुख्य रूप से मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजा देने, किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस लेने और एमएसपी के मुद्दे पर सरकार तक मांग पहुंचाने की रणनीति इस मीटिंग में तय होगी. किसान पहले ही बता चुके हैं, कि 29 नवंबर को दिल्ली जाने का प्लान है. ट्रैक्टर लेकर दिल्ली जाएंगे. जिसके चलते दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर दोबारा बैरिकेड लगा दिए हैं. इस मुद्दे पर भी मीटिंग में चर्चा होनी है. मीटिंग में होने वाले निर्णय पर सभी बॉर्डर पर बैठे हुए किसानों की निगाहें टिकी हुई है.
