संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम बोले- अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए ना हो

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Published : Sep 25, 2021, 6:34 PM IST

Updated : Sep 25, 2021, 7:27 PM IST

PM मोदी

पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र हजारों वर्षों से भारत की महान परंपरा रही है. भारत जीवंत लोकतंत्र का सबसे बड़ा उदाहरण है, हमारा लोकतंत्र अपनी विविधता से पहचाना जाता है. जब भारत आगे बढ़ेगा, तो दुनिया का विकास होगा. जब भारत में सुधार होगा, तब दुनिया में बदलाव होगा. आज दुनिया के सामने प्रतिगामी सोच और उग्रवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है. पढ़िए पूरी खबर..

वॉशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76 वें सत्र को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि नमस्कार साथियों, अब्दुल्ला शाहिद को अध्यक्ष पद संभालने के लिए बहुत-बहुत बधाई. उन्होंने कहा कि गत डेढ़ वर्ष से पूरा विश्व, 100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी का सामना कर रहा है. पीएम ने कहा कि ऐसी भयंकर महामारी में जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं और परिवारों के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं.

उन्होंने कहा कि मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जिसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी का गौरव हासिल है. पीएम ने कहा कि हमारी विविधता, हमारे सशक्त लोकतंत्र की पहचान है. एक ऐसा देश जिसमें दर्जनों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अलग-अलग रहन सहन, खान-पान है. ये वाइब्रेंट डेमोक्रेसी का उदाहरण है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम का संबोधन.

पीएम मोदी ने कहा कि ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक छोटा बच्चा जो कभी एक रेलवे स्टेशन की टी स्टॉल पर अपने पिता की मदद करता था वो आज चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर UNGA को संबोधित कर रहा है. पीएम मोदी कहा कि भारत का वैक्सीन डिलीवरी प्लेटफॉर्म कोवीन एक ही दिन में करोड़ों वैक्सीन डोज़ लगाने के लिए डिजीटल सहायता दे रहा है. पीएम ने कहा कि दुनिया के सामने चरमपंथ का खतरा बढ़ रहा है.

पीएम ने कहा कि प्रदूषित पानी, भारत ही नहीं पूरे विश्व और खासकर गरीब और विकासशील देशों की बहुत बड़ी समस्या है. भारत में इस चुनौती से निपटने के लिए हम 17 करोड़ से अधिक घरों तक, पाइप से साफ पानी पहुंचाने का बहुत बड़ा अभियान चला रहे हैं. भारत के वैज्ञानिक एक नेजल वैक्सीन के निर्माण में भी लगे हैं. मानवता के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए भारत ने एक बार फिर दुनिया के ज़रूरतमंदों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम का संबोधन.

पीएम ने कहा कि मैं UNGA को ये जानकारी देना चाहता हूं कि भारत ने दुनिया की पहली DNA वैक्सीन विकसीत कर ली है जिसे 12 साल से ज्यादा आयु के सभी लोगों को लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रतिगामी सोच के साथ, जो देश आतंकवाद का राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद, उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है.

पीएम मोदी ने संबोधन के दौरान कहा कि ये सुनिश्चित किया जाना बहुत ज़रूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए न हो. उन्होंने कहा कि हमें इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा वहां कि नाजुक स्थितियों का इस्तेमाल कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश न करे. पीएम ने कहा कि मैं आज दुनियाभर के वैक्सीन मैन्युफैक्चर्स को भी आमंत्रित करता हूं कि आइए और भारत में वैक्सीन बनाइए. उन्होंने कहा कि ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक छोटा बच्चा जो कभी एक रेलवे स्टेशन की टी स्टॉल पर अपने पिता की मदद करता था वो आज चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर UNGA को संबोधित कर रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे समुद्र भी हमारी साझी विरासत है इसलिए हमें ये ध्यान रखना होगा कि ओसियन रिसोर्सेज को हम यूज करें अब्यूज नहीं. मोदी ने कहा कि हमारे समुद्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी हैं. इन्हें हमें एक्सपैंशन और एक्सक्लूजन की दौड़ से बचाकर रखना होगा.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम का संबोधन.

भारत ने जून में कहा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधारों पर अंतर सरकारी वार्ता (आईजीएन) का इस्तेमाल लंबे समय तक मुद्दे को दबाने के लिए नहीं किया जा सकता. इसने यह बात तब कही थी जब आईजीएन से संबंधित कार्य को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने अगले सत्र में ले जाने का निर्णय किया और जी-4 (ब्राजील, जर्मनी, भारत और जापान) समूह द्वारा प्रस्तावित एक संशोधन को शामिल करने पर सहमति जताई.

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वर्तमान में पांच स्थायी और 10 ऐसे अस्थायी सदस्य हैं, जिन्हें महासभा द्वारा दो साल के कार्यकाल के लिए निर्वाचित किया जाता है.

पांच स्थायी सदस्यों में रूस, ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और चीन शामिल हैं. अब यह मांग बढ़ती जा रही है कि समकालीन वैश्विक सच्चाई को प्रदर्शित करने के लिए स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए, जिसमें भारत एक प्रबल दावेदार रहा है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए बाइडेन का समर्थन काफी महत्व रखता है, क्योंकि पिछले महीने अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अमेरिका ‘‘संयुक्त राष्ट्र में भारत के साथ काम करने को, इस महीने (अगस्त) सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता किए जाने सहित काफी महत्व देता है.

Last Updated :Sep 25, 2021, 7:27 PM IST
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