Amit Shah on Subhas Chandra Bose jayanti: अंडमान में शाह बोले-सेल्युलर जेल आजादी की लड़ाई का एक बड़ा तीर्थ स्थान है

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Published : Jan 23, 2023, 6:50 AM IST

Updated : Jan 23, 2023, 12:28 PM IST

Amit Shah arrives at Port Blair to participate in Subhas Chandra Bose jayanti

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) आज अंडमान पहुंचे है. वह यहां कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे.

पोर्ट ब्लेयर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126 वीं जयंती पर आयोजित पराक्रम दिवस समारोह को संबोधित किया. इस मौके पर अण्‍डमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया.

समारोह को संबोधित करते गृह मंत्री ने कहा कि सेल्युलर जेल महज एक जेल नहीं, आजादी की लड़ाई का एक बहुत बड़ा तीर्थ स्थान है. देश के इसी हिस्से को सबसे पहले स्वतंत्रता प्राप्त होने का सम्मान मिला और स्वयं नेता जी द्वारा तिरंगा फहरा कर यह सम्मान मिला. आज 21 द्वीपों को नाम नहीं दिया गया है बल्कि 21 वीरों के पराक्रम को नमन करते हुए 21 दीप जलने का काम प्रधानमंत्री जी द्वारा किया गया है.

यह दुर्भाग्य रहा कि सुभाष जी को भुलाने का बहुत प्रयास किया गया लेकिन जो वीर होते हैं वो अपनी स्मृति के लिए किसी के मोहताज नहीं होते हैं. हमने सुभाष बाबू की कर्तव्य पथ पर मूर्ति लगाने का काम किया, उनकी जयंती को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाया.

गृह मंत्री आज सुबह यहां पहुंचे. शाह पोर्ट ब्लेयर में 17 से 23 जनवरी तक आयोजित होने वाले आजादी का अमृत महोत्सव आइकोनिक इवेंट्स वीक के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि थे. ये कार्यक्रम केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह प्रशासन और मणिपुर, नागालैंड, गुजरात, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों के सहयोग से उन स्थानों पर आयोजित किए गए थे जो नेताजी के जीवन और कार्य से संबंधित हैं.

जानकारी के अनुसार अमित शाह उस स्थान पर झंडा फहरा सकते हैं जहां नेताजी ने 30 दिसंबर 1943 को यहां जिमखाना मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. इस मैदान का नाम अब 'नेताजी स्टेडियम' है. केंद्रीय गृह मंत्री के पोर्ट ब्लेयर के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप जाने की भी संभावना है. 'एबेरडीन जेटी' से 15-20 मिनट का नाव का सफर तय करके वहां पहुंचा जा सकता है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 दिसंबर 2018 को रॉस द्वीप का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखे जाने की घोषणा की थी. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर जापान का कब्जा था और इसे औपचारिक रूप से 29 दिसंबर 1943 को नेताजी की आज़ाद हिंद सरकार को सौंप दिया गया था. अधिकारी ने कहा कि शाह ईको-टूरिज्म और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विभिन्न विकासात्मक पहलों का भी जायजा लेंगे.

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शाह के सेलुलर जेल का दौरा करने और भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेताओं से मिलने की भी संभावना है. केंद्रीय गृह मंत्री वर्ष 2021 में पोर्ट ब्लेयर आए थे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अंडमान और निकोबार द्वीप के दौरे पर कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने द्वीप के दक्षिणी जिले का नाम बदलकर भारतीय राष्ट्रीय सेना प्रमुख नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) के नाम पर रखा है.

सरकार उन्हें उनका सही स्थान दे रही है. शाह ने कहा था कि कई नेताओं की छवि खराब करने की कोशिश की गई लेकिन अब शहीदों को इतिहास में उनका सही स्थान मिलेगा. गृह मंत्री कहा था कि वर्षों से कई नेताओं की छवि को कम करने के प्रयास किए गए. लेकिन अब उन्हें इतिहास में उचित स्थान देने का समय आ गया है. जिन लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है उन्हें इतिहास में जगह मिलनी चाहिए. इसलिए हमने द्वीप का नाम बदलकर नेताजी के नाम पर रख दिया है.

Last Updated :Jan 23, 2023, 12:28 PM IST
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