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MP Mbbs In Hindi: देश में पहली बार MP में हिंदी में पढ़ेंगे डॉक्टरी, देवनागरी में तैयार हुई 3 पुस्तकें, गृहमंत्री करेंगे विमोचन 889257

हिंदी भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू कर मध्यप्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है. 97 डॉक्टरों की टीम ने दिन-रात मेहनत करके 5 पुस्तकों का अनुवाद किया है. वहीं 3 पुस्तकों को देवनागरी लिपी में तैयार कर लिया गया है. 16 अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एमबीबीएस के हिंदी पाठ्यक्रम का विमोचन करेंगे. मध्यप्रदेश समेत पूरे देश में यह नई शुरुआत चर्चा का विषय है. mp project mandar, Medical studies in Hindi, Engineering studies in Hindi, CM change DP social media, Ministers MLAs change DP

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Published : Oct 15, 2022, 9:54 PM IST

3 books prepared in devanagari script
एमपी में हिंदी में होगी एमबीबीएस की पढ़ाई

भोपाल। कई दूसरे देशों की तरह अब मध्यप्रदेश में भी मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई अपनी मातृभाषा हिंदी में होगी. एमपी के 97 डॉक्टरों की टीम ने 4 महीने में मेहनत करके अंग्रेजी की किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया है. रविवार को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इन किताबों का उद्घाटन करेंगे. वहीं राज्य सरकार भी इस नए प्रयोग को लेकर रोमांचित है. सरकार के इस नय प्रयोग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीएम शिवराज और उनके सभी मंत्री, विधायक सहित बीजेपी के नेताओं ने सोशल मीडिया अकाउंट पर डीपी व कवर फ़ोटो बदला है. पहली बार ऐसी अनूठी पहल को लेकर प्रदेश के युवाओं में काफी उत्साह का माहौल है. (mp project mandar) (Medical studies in Hindi) (Engineering studies in Hindi)

एमपी में हिंदी में होगी एमबीबीएस की पढ़ाई

शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति : अंग्रेजी की बाध्यता के चलते हमारे ग्रामीण एवं अनुसूचित वर्ग से आने वाले छात्र मेडिकल की पढ़ाई में पीछे रह जाते हैं. कई प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं भी पिछड़ जाते थे. इन बातों को ध्यान में रखते हुए शिवराज सरकार मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में शुरू कराने जा रही है. भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर केंद्रीय गृह मंत्री की उपस्थिति में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. दोपहर 12 बजे गृहमंत्री लाल परेड ग्राउंड पहुंचेंगे. जहां वे हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई की किताबों का विमोचन करेंगे. इसको लेकर पूरी तैयारियां कर ली गई है. वही 50,000 से अधिक मेडिकल स्टूडेंट्स इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इन किताबों के लिए स्पेशल वॉर रूम मंदार का निर्माण किया गया है.

  • गांव के गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगता है कि कुछ बेचकर भी पढ़ाना पड़े, तो भी मैं अपने बच्चों का एडमिशन इंग्लिश मीडियम स्कूल में करवा दूं।

    मैंने एक बच्चे को इसलिए मेडिकल कॉलेज छोड़ते हुए देखा क्योंकि उसे अंग्रेजी नहीं आती थी।#MP_में_हिंदी_में_MBBS pic.twitter.com/39If1PNVzd

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मंदार रखा गया प्रोजक्ट का दिया: चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के मुताबिक प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के प्रोफेसर और हिन्दी के जानकारों ने MBBS फर्स्ट ईयर की किताबों का ट्रांसलेटेड वर्जन तैयार किया है. इस प्रोजेक्ट को मंदार नाम दिया गया है. मंदार नाम रखने के पीछे ये विचार था कि जिस प्रकार समुद्र मंथन में मंदार पर्वत के सहारे अमृत निकाला गया था. उसी तरह से मंदार में शामिल डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने विचार मंथन करके किताबों का अनुवाद निकाला है. मंत्री ने खुशी जताते हुए कहा है कि दुनिया के उन देशों में अब भारत भी शामिल हो गया है, जो अपनी मातृभाषा में मेडिकल की पढ़ाई कराएगा.

MP में मेडिकल व इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में, CM सहित मंत्रियों व विधायकों ने सोशल मीडिया पर बदली DP

3 किताबों को देवनागरी लिपि में किया गया तैयार: बता दें पीएम मोदी के आह्वान पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह काम चिकित्सा शिक्षा विभाग को दिया था. 97 डॉक्टरों की कम्प्यूटर ऑपरेटर्स की टीम बनाई. इस टीम ने 24 घंटे लगकर MBBS फर्स्ट ईयर की 5 किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया है. इन किताबों को इस प्रकार अनुवादित कर तैयार किया गया है, जिसमें शब्द के मायने हिन्दी में ऐसे न बदल जाएं कि उसे समझना मुश्किल लगे. किताबों को ऐसे अनुवाद में तैयार किया गया है, जिसे ग्रामीण क्षेत्र से हिन्दी में पढ़ाई कर एमबीबीएस में दाखिला लेने वाले छात्र आसानी से पढ़ और समझ सकें. फर्स्ट ईयर की 3 किताब बायोकेमिस्ट्री, फिजियोलॉजी और एनाटॉमी को देवनागरी लिपि में तैयार किया. जिनके हिन्दी में शब्द उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें देवनागरी में लिखा है.

सरकारी मेडिकल कॉलेजों से होगी शुरूआत: मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि किताबें पर्याप्त मात्रा में तैयार हो गई हैं, इसलिए अब प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हिन्दी में MBBS की पढ़ाई शुरू हो सकेगी. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में भी हिन्दी में MBBS की पढ़ाई शुरू हो सके.

हिंदी में एमबीबीएस की डीपी : इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सरकार के साथ ही बीजेपी जुटी हुई है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन मंत्री हितानंद एवं अन्य प्रदेश एवं जिलास्तर के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने भी हिंदी में एमबीबीएस की डीपी अपने सोशल मीडिया पर लगाई है. भाजपा के सभी मेयर्स ने भी उत्साह दिखाते हुए डीपी चेंज की है. (Medical studies in Hindi) (Engineering studies in Hindi) (CM change DP social media) (Ministers MLAs change DP) (3 books prepared in devanagari script) (mp project mandar) (Medical studies in Hindi) (Engineering studies in Hindi)

भोपाल। कई दूसरे देशों की तरह अब मध्यप्रदेश में भी मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई अपनी मातृभाषा हिंदी में होगी. एमपी के 97 डॉक्टरों की टीम ने 4 महीने में मेहनत करके अंग्रेजी की किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया है. रविवार को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इन किताबों का उद्घाटन करेंगे. वहीं राज्य सरकार भी इस नए प्रयोग को लेकर रोमांचित है. सरकार के इस नय प्रयोग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीएम शिवराज और उनके सभी मंत्री, विधायक सहित बीजेपी के नेताओं ने सोशल मीडिया अकाउंट पर डीपी व कवर फ़ोटो बदला है. पहली बार ऐसी अनूठी पहल को लेकर प्रदेश के युवाओं में काफी उत्साह का माहौल है. (mp project mandar) (Medical studies in Hindi) (Engineering studies in Hindi)

एमपी में हिंदी में होगी एमबीबीएस की पढ़ाई

शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति : अंग्रेजी की बाध्यता के चलते हमारे ग्रामीण एवं अनुसूचित वर्ग से आने वाले छात्र मेडिकल की पढ़ाई में पीछे रह जाते हैं. कई प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं भी पिछड़ जाते थे. इन बातों को ध्यान में रखते हुए शिवराज सरकार मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में शुरू कराने जा रही है. भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर केंद्रीय गृह मंत्री की उपस्थिति में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. दोपहर 12 बजे गृहमंत्री लाल परेड ग्राउंड पहुंचेंगे. जहां वे हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई की किताबों का विमोचन करेंगे. इसको लेकर पूरी तैयारियां कर ली गई है. वही 50,000 से अधिक मेडिकल स्टूडेंट्स इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इन किताबों के लिए स्पेशल वॉर रूम मंदार का निर्माण किया गया है.

  • गांव के गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगता है कि कुछ बेचकर भी पढ़ाना पड़े, तो भी मैं अपने बच्चों का एडमिशन इंग्लिश मीडियम स्कूल में करवा दूं।

    मैंने एक बच्चे को इसलिए मेडिकल कॉलेज छोड़ते हुए देखा क्योंकि उसे अंग्रेजी नहीं आती थी।#MP_में_हिंदी_में_MBBS pic.twitter.com/39If1PNVzd

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मंदार रखा गया प्रोजक्ट का दिया: चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के मुताबिक प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के प्रोफेसर और हिन्दी के जानकारों ने MBBS फर्स्ट ईयर की किताबों का ट्रांसलेटेड वर्जन तैयार किया है. इस प्रोजेक्ट को मंदार नाम दिया गया है. मंदार नाम रखने के पीछे ये विचार था कि जिस प्रकार समुद्र मंथन में मंदार पर्वत के सहारे अमृत निकाला गया था. उसी तरह से मंदार में शामिल डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने विचार मंथन करके किताबों का अनुवाद निकाला है. मंत्री ने खुशी जताते हुए कहा है कि दुनिया के उन देशों में अब भारत भी शामिल हो गया है, जो अपनी मातृभाषा में मेडिकल की पढ़ाई कराएगा.

MP में मेडिकल व इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में, CM सहित मंत्रियों व विधायकों ने सोशल मीडिया पर बदली DP

3 किताबों को देवनागरी लिपि में किया गया तैयार: बता दें पीएम मोदी के आह्वान पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह काम चिकित्सा शिक्षा विभाग को दिया था. 97 डॉक्टरों की कम्प्यूटर ऑपरेटर्स की टीम बनाई. इस टीम ने 24 घंटे लगकर MBBS फर्स्ट ईयर की 5 किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया है. इन किताबों को इस प्रकार अनुवादित कर तैयार किया गया है, जिसमें शब्द के मायने हिन्दी में ऐसे न बदल जाएं कि उसे समझना मुश्किल लगे. किताबों को ऐसे अनुवाद में तैयार किया गया है, जिसे ग्रामीण क्षेत्र से हिन्दी में पढ़ाई कर एमबीबीएस में दाखिला लेने वाले छात्र आसानी से पढ़ और समझ सकें. फर्स्ट ईयर की 3 किताब बायोकेमिस्ट्री, फिजियोलॉजी और एनाटॉमी को देवनागरी लिपि में तैयार किया. जिनके हिन्दी में शब्द उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें देवनागरी में लिखा है.

सरकारी मेडिकल कॉलेजों से होगी शुरूआत: मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि किताबें पर्याप्त मात्रा में तैयार हो गई हैं, इसलिए अब प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हिन्दी में MBBS की पढ़ाई शुरू हो सकेगी. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में भी हिन्दी में MBBS की पढ़ाई शुरू हो सके.

हिंदी में एमबीबीएस की डीपी : इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सरकार के साथ ही बीजेपी जुटी हुई है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन मंत्री हितानंद एवं अन्य प्रदेश एवं जिलास्तर के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने भी हिंदी में एमबीबीएस की डीपी अपने सोशल मीडिया पर लगाई है. भाजपा के सभी मेयर्स ने भी उत्साह दिखाते हुए डीपी चेंज की है. (Medical studies in Hindi) (Engineering studies in Hindi) (CM change DP social media) (Ministers MLAs change DP) (3 books prepared in devanagari script) (mp project mandar) (Medical studies in Hindi) (Engineering studies in Hindi)

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