हंसखली रेप-हत्या मामला : ममता की टिप्पणी पर बवाल, HC ने सीबीआई जांच का दिया आदेश

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Published : Apr 12, 2022, 6:40 PM IST

Updated : Apr 12, 2022, 11:16 PM IST

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प. बंगाल के हंसखली में एक लड़की के साथ रेप और उसके बाद उसकी हत्या का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि पता नहीं, यह लव अफेयर का मामला है या रेप का. विपक्षी दलों ने ममता के बयान की निंदा की है. उनके खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की गई है. मामले की जांच सीबीआई करेगी. हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. याचिका वकील सब्यसाची चट्टोपाध्याय ने दाखिल की है. ममता ने नादिया के हंसखली में एक लड़की के साथ रेप और उसकी हत्या की घटना पर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि पता नहीं यह लव अफेयर का मामला है या रेप का. विपक्ष ने उनके बयान के गैर जिम्मेदाराना बताया है. हाईकोर्ट ने इस घटना की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को नाबालिग लड़की की मौत के कारण पर संदेह व्यक्त किया और आश्चर्य जताया कि क्या नादिया जिले के हंसखली की कक्षा 9 की छात्रा की मौत किसी के थप्पड़ मारने के बाद गिरने से तो नहीं हुई. लड़की के परिवार का आरोप है कि सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी मौत हुई. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नाबालिग लड़की से कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत पर राज्य के मुख्य सचिव से तत्काल रिपोर्ट मांगी.

यह कहते हुए कि आरोपी के साथ पीड़ित का प्रेम प्रसंग था, ममता ने आश्चर्य जताया कि क्या वह गर्भवती थी. इस मामले में आरोप तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के पुत्र पर है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है. मुख्यमंत्री ने यह भी पूछा कि लड़की की मौत और शव का अंतिम संस्कार करने के पांच दिन बाद उसके परिवार के सदस्यों ने पुलिस में शिकायत क्यों दर्ज कराई. विपक्षी दलों ने बनर्जी के बयान को “चौंकाने वाला” बताया और आरोप लगाया कि वह आरोपी को बचाने की कोशिश कर रही हैं, क्योंकि वह उनकी पार्टी के एक नेता का बेटा है.

लड़की के परिवार के सदस्यों ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि वह पांच अप्रैल को आरोपी के जन्मदिन की पार्टी में उसके घर, नादिया जिले के हंसखली में गई थी और उसके साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. लड़की की रक्त स्राव की वजह से उसी रात मौत हो गई. इस मामले में 10 अप्रैल को हंसखली पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई.

बनर्जी ने एक दिन पहले विश्व बंग मेला प्रांगण का उद्घाटन करते हुए कहा, 'पुलिस को अभी तक मौत का कारण समझ में नहीं आया है. मैंने उनसे पूछा था. क्या आप इसे बलात्कार कहेंगे या वह गर्भवती थी ? क्या (इसकी वजह) एक प्रेम प्रसंग था ? क्या आपने इनके बारे में पूछताछ की है ? यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है.' उन्होंने कहा कि उसके परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों को लड़की और आरोपी के बीच संबंध के बारे में पता था.

बनर्जी ने कहा, 'आपने (लड़की के परिवार) ने भी शव का अंतिम संस्कार किया. मैं एक आम आदमी के रूप में बात कर रही हूं. उन्हें (पुलिस) सबूत कहां से मिलेगा कि उसके साथ बलात्कार किया गया था या वह गर्भवती थी या कोई अन्य कारण था जैसे कि किसी ने थप्पड़ मारा जिसके बाद वह बीमार पड़ गई.' उन्होंने कहा कि वह राज्य आयोग से बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए मामले को उठाने के लिए कहेंगी. राज्यपाल धनखड़ ने इस मामले में मुख्य सचिव से तत्काल रिपोर्ट मांगी है.

राज्यपाल ने ट्वीट किया,“ नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने नादिया में 14 वर्षीय लड़की की कथित सामूहिक बलात्कार के बाद मौत और राम भक्तों पर अत्याचार की जांच की मांग की है.” धनखड़ ने दावा किया कि “दोनों (घटनाएं) महिलाओं के खिलाफ अपराध की चिंताजनक स्थिति और कानून-व्यवस्था की स्थिति को उजागर करती हैं.” उन्होंने कहा, “दोनों मामलों में मुख्य सचिव से तत्काल रिपोर्ट मांगी है.”

विपक्ष के नेता अधिकारी ने सोमवार दोपहर राज्यपाल से मुलाकात की थी. भाजपा का आरोप है कि रविवार को हावड़ा में रामनवमी जुलूस के दौरान हाथापाई की गई थी. विपक्षी भाजपा ने बनर्जी की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की और आश्चर्य जताया कि क्या उनकी टिप्पणी का उद्देश्य जांच को प्रभावित करना था. भाजपा के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट किया, “बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का चौंकाने वाला बयान, जो नादिया के हंसखली में 14 वर्षीय लड़की के क्रूर बलात्कार और हत्या को तुच्छ बताती है. वह पीड़िता से सवाल करती हैं और पूछती हैं कि क्या यह प्रेम संबंध था या अनियोजित गर्भावस्था का मामला था! क्योंकि आरोपी टीएमसी नेता का बेटा है.”

विधानसभा में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां केवल यह साबित करती हैं कि बनर्जी कैसे जांच को प्रभावित करने और दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने कहा, “जब भाजपा शासित राज्यों में ऐसी कोई घटना होती है तो वह सबसे पहले इसका विरोध करती हैं. लेकिन जब पश्चिम बंगाल में ऐसी ही घटनाएं होती हैं तो वह दोषियों को बचाने की कोशिश करती हैं. यह शर्मनाक है कि एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद वह इस तरह की टिप्पणी कर रही हैं. यह बंगाल की अराजक स्थिति की वास्तविक तस्वीर है.” माकपा और कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री बनर्जी की उनके बयान के लिये निंदा की.

Last Updated :Apr 12, 2022, 11:16 PM IST
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