एक बार जज बन गए, फिर न तो चुनाव, न जनता का करना पड़ता है सामना : कानून मंत्री

author img

By

Published : Jan 23, 2023, 6:55 PM IST

Updated : Jan 23, 2023, 7:20 PM IST

law minister

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने जजों की नियुक्ति को लेकर कॉलेजियम व्यवस्था पर फिर से प्रहार किया है. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि एक बार आप जज बन गए, तो न तो उन्हें चुनाव का सामना करना पड़ता है और न ही जनता उनके गुण-दोष का विवेचन कर सकती है.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार और न्यायापालिका के बीच टकराव का सिलसिला जारी है. कॉलेजियम व्यवस्था पर कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने फिर से सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि एक बार जब आप जज बन जाते हैं, तो उन्हें फिर से चुनाव का सामना नहीं करना पड़ता है और न ही जनता उनके गुण-दोष का विवेचन कर सकती है.

कानून मंत्री ने कहा कि न्यायापालिका से ठीक उलट, हमलोग बार-बार जनता के पास जाते हैं. उन्होंने कहा कि अगर हम अच्छा काम करते हैं, तो जनता फिर से मौका देती है, और अच्छा काम नहीं करते हैं, तो जनता हमें विपक्ष में बिठा देती है. रिजिजू ने कहा कि पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नहीं था. कुछ चुनिंदा जगहों पर नेता अपनी राय रखते थे. लेकिन आज जनता के सामने कई प्लेटफॉर्म हैं. और वे वहां पर सरकार से सवाल कर सकते हैं. रिजिजू ने कहा कि हम इसका स्वागत करते हैं. चुने हुए सरकार से सवाल होना ही चाहिए, पर ज्यूडिशियरी में ऐसा नहीं है.

न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर केंद्र और न्यायपालिका के बीच चल रहे विवाद के बीच कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक दिन पहले रविवार को भी उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की टिप्पणी का हवाला देकर अपनी बात रखी थी. उन्होंने कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायाधीशों की नियुक्ति का फैसला कर संविधान का 'अपहरण' किया है और कहा कि वह पूर्व न्यायाधीश के विचार को 'समझ वाला' मानते हैं. रिजिजू ने यह भी कहा कि ज्यादातर लोगों के विचार समान हैं.

रिजिजू ने दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर.एस. सोढ़ी (सेवानिवृत्त) का साक्षात्कार साझा करते हुए ट्वीट किया : "एक न्यायाधीश की आवाज .. भारतीय लोकतंत्र की असली सुंदरता है- यह सफलता है. लोग अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से खुद पर शासन करते हैं. निर्वाचित प्रतिनिधि लोगों के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं और कानून बनाते हैं. हमारी न्यायपालिका स्वतंत्र है और हमारा संविधान सर्वोच्च है." न्यायमूर्ति सोढ़ी ने साक्षात्कार में कहा कि कानून बनाने का अधिकार संसद के पास है. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय कानून नहीं बना सकता, क्योंकि उसके पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है.

ये भी पढ़ें : Reform in Collegium System : सीजेआई को कानून मंत्री का लेटर, कांग्रेस ने बताया 'धमकी'

Last Updated :Jan 23, 2023, 7:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.