नेचुरल गैस की कीमतों में 62% की बढ़ोतरी, आपकी कार से किचन तक पड़ेगी महंगाई की मार

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Published : Oct 1, 2021, 6:11 PM IST

नेचुरल गैस

सरकार ने नेचुरल गैस की कीमतों में 62 फीसदी की बढ़ोतरी की है. इस बढ़ोतरी के बाद क्या है नेचुरल गैस की नई कीमतें ? सरकार ने क्यों की है बढ़ोतरी ? इस बढ़ोतरी का आपकी जिंदगी पर क्या पड़ेगा असर ? जानने के लिए पढ़िये पूरी ख़बर

हैदराबाद: सरकार ने नेचुरल गैस (Natural Gas) के दामों में 62 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. इस बढ़ोतरी का असर आने वाले दिनों में आपकी जेब और घर के बजट पर भी पड़ेगा. ये फैसला एक अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 तक लागू रहेगा.

कितनी महंगी हुई है नेचुरल गैस ?

सरकार ने नेचुरल गैस की जो नई कीमतें तय की हैं वो अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 की अवधि के लिए होंगी. नए ऐलान के हिसाब से नेचुरल गैस की कीमत 1.79 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू यानि मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट से बढ़ाकर 2.90 डॉलर प्रति mmBtu तय कर दी है. mmBtu का इस्तेमाल प्राकृतिक गैस या अन्य ईंधन की ऊर्जा सामग्री की तुलना के लिए मानक इकाई के रूप में किया जाता है. अप्रैल 2021 से सितंबर 2021 के दौरान नेचुरल गैस की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया था. अब सरकार ने अगले 6 महीने के लिए नेचुरल गैस की कीमतों में 62 फीसदी की बढ़ोतरी की है. गुरुवार को इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है.

62 फीसदी बढ़े नेचुरल गैस के दाम
62 फीसदी बढ़े नेचुरल गैस के दाम

पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (Petroleum Planning & Analysis Cell) ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) और ऑयल इंडिया लिमिटेड को आबंटित फील्ड से निकलने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत आगामी छह महीनों के लिए यानि अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 तक 2.90 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (mmBtu) होगी.

इसके अलावा पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (Petroleum Planning & Analysis Cell) के एक अन्य नोटिफिकेशन में बताया गया है कि गहरे समुद्र के साथ-साथ अत्यधिक तापमान जैसी जगहों से बेहद कठिनाई से निकाली जाने वाली नेचुरल गैस की कीमत 6.13 डॉलर प्रति mmBtu कर दिया है. नेचुरल गैस के दामों में ये वृद्धि अप्रैल 2019 के बाद की गई है. इसी अधिकतम मूल्य पर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसकी भागीदारी वाली पीएलसी केजी-डी6 जैसे गहरे सागर में स्थित ब्लॉक से उत्पादित गैस ली जाएगी.

नेचुरल गैस से बनते हैं CNG, PNG, बिजली, फर्टिलाइजर आदि
नेचुरल गैस से बनते हैं CNG, PNG, बिजली, फर्टिलाइजर आदि

नेचुरल गैस क्या है ?

नेचुरल गैस एक तरह का कच्चा माल है जिसे ईंधन के रूप में परिवर्तित किया जाता है. इसी नेचुरल गैस से ही CNG यानि Compressed Natural Gas और PNG यानि Piped Natural Gas बनती है. आज की मट्रो शहरों में निजी वाहनों समेत सार्वजनिक परिवहन सीएनजी से चलते हैं जबकि कई शहरों में पीएनजी ने एलपीजी की जगह ले ली है. पाइप के जरिये गैस घरों तक पहुंचती है और किचन का चूल्हा जलता है.

सीएनजी महंगी होने पर आपकी जेब पर पड़ेगा बोझ
सीएनजी महंगी होने पर आपकी जेब पर पड़ेगा बोझ

CNG और PNG का महंगा होना तय

नेचुरल गैस की कीमतें बढ़ने का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ने वाला है. नेचुरल गैस महंगी होने से आने वाले दिनों में सीएनजी और पीएनजी का महंगा होना तय है. आपके पास अगर सीएनजी वाहन है या आपके शहर में सार्वजनिक परिवहन सीएनजी पर चलता है तो आपका रोज का यात्रा किराया और कार चलाने का खर्च बढ़ने वाला है. इसी तरह अगर आपके घर भी पीएनजी के जरिये किचन का चूल्हा जलता है तो आने वाले दिनों में महंगी गैस पर खाना पकाने के तैयार रहिये. कुल मिलाकर आपका खाना बनाना, गाड़ी चलाना, दफ्तर आना-जाना महंगा हो सकता है. क्योंकि नेचुरल गैस से ही सीएनजी और पीएनजी बनती है, जिसमें सरकार ने 62 फीसदी का इजाफा किया है.

पीएनजी भी महंगी हो सकती है
पीएनजी भी महंगी हो सकती है

और क्या महंगा हो सकता है

नेचुरल गैस का इस्तेमाल फर्टिलाइजर यानि खाद और बिजली बनाने में भी होती है. ऐसे में आने वाले दिनों में उर्वरक यानि खाद खरीदने वाले किसानों को भी अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है. बिजली के उत्पादन में नेचुरल गैस का असर आपके बिजली बिल पर पड़ सकता है.

कितना पड़ेगा जेब पर बोझ

इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों के मुताबिक नेचुरल गैस के दाम बढ़ने से मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में सीएनजी और पाइप के जरिये घर पहुंचने वाली रसोई गैस की कीमतों में 10 से 12 फीसदी का इजाफा हो सकता है. वहीं बिजली पैदा करने वाले संयंत्रों में नेचुरल गैस के इस्तेमाल से बनी बिजली की लागत भी बढ़ेगी, जिसका असर ग्राहकों पर ही पड़ेगा. हालांकि ऐसे बहुत कम संयंत्र है जहां नेचुरल गैस से बिजली बनने पर घरेलू इस्तेमाल के लिए जाती है. लेकिन उर्वरक यानि फर्टिलाइजर की लागत बढ़ने के पूरे आसार है.

आने वाले दिनों में बिजली की कीमतों में हो सकती है बढ़ोतरी
आने वाले दिनों में बिजली की कीमतों में हो सकती है बढ़ोतरी

क्यों बढ़ाए गए हैं दाम ?

देश में प्राकृतिक गैस की कीमतें वित्त वर्ष के दौरान हर 6 महीने में 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर को तय किए जाते हैं. इससे पहले अप्रैल 2019 में गैस के दाम बढ़ाए गए थे. उसके बाद वैश्विक स्तर पर इसमें गिरावट दरज की गई थी. तेल और नेचुरल गैस की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार के आधार पर ही तय होती हैं. जानकार मानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में तेजी के कारण गैस के दाम बढ़े हैं.

गहरे समुद्र से निकलने वाली गैस और भी महंगी हुई
गहरे समुद्र से निकलने वाली गैस और भी महंगी हुई

सरकार ओएनजीसी को नामांकन के आधार पर आबंटित फील्ड से उत्पादित गैस के लिये मूल्य तय करती है. साथ ही छमाही आधार पर उन क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिये अधिकतम मूल्य तय करती है, जिसे परिचालकों ने लाइसेंस दौर के तहत हासिल किया है. सूत्रों के अनुसार कंपनियां उपयोगकर्ताओं से मूल्य के साथ बोलियां आमंत्रित करती हैं लेकिन कीमत सरकार द्वारा घोषित मूल्य सीमा पर निर्भर करती है

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